दो दिवसीय दौरे पर नेपाल मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री पहुंचे वाल्मीकि नगर।

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मुख्यमंत्री करेंगे टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हुए विकास कार्यों का अवलोकन।

वाल्मीकि नगर से अभिमन्यु गुप्ता की रिपोर्ट

भारत-नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकि नगर के वीटीआर में कराए गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास के कार्यों से प्रभावित होकर उसके अवलोकन के लिए अपने काफिले के साथ नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश सिंह दो दिवसीय दौरे पर शनिवार की रात्रि वाल्मीक नगर पहुंचे। रविवार को मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नरदेवी मंदिर, जटाशंकर मंदिर तथा महाकालेश्वर मंदिर का दर्शन करते हुए वाल्मीकि आश्रम पहुंचे। नेपाल के चितवन जिला के घनघोर जंगल में स्थित लव कुश के जन्मस्थली को देख मुख्यमंत्री भाव विभोर हो गए। जनकपुर की दुलारी के द्वारा घनघोर जंगल में बिताया हुआ त्रेता युग के ऐतिहासिक निशानियों को उन्होंने अवलोकन किया।तथा इसे अपने कैमरे मे सहेज लिया गया। लेकिन मुख्यमंत्री लव कुश के जन्मस्थली तथा महर्षि वाल्मीकि के तपोस्थली के दुर्दशा को देख
थोड़ा दुखी भी हुए। और वाल्मीकि आश्रम के विकास को लेकर उन्होंने वन विभाग के वाल्मीकि होटल में वाल्मीकि नगर के सांसद सुनील
कुमार से चर्चा कर इसे रामायण सर्किट से जोड़ने की बात को रखा। वाल्मीकि नगर सांसद ने भी उनकी बात पर मोहर लगाते हुए इस पर पहल करने का आश्वासन दिया। मधेश के मुख्यमंत्री का वाल्मीकि नगर वीटीआर के भ्रमण; की सूचना परसा जिला के जनमत पार्टी के अध्यक्ष के द्वारा बिहार के वन तथा पर्यावरण मंत्री सुनील कुमार को दिया गया था। वन मंत्री ने इसकी जानकारी वाल्मीकि नगर वीटीआर के वन संरक्षक को कराया। वन विभाग के द्वारा मुख्यमंत्री के ठहरने का व्यवस्था वन विभाग के वाल्मीकि होटल में कराया गया है। मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बताया की भारत नेपाल का संबंध बेटी रोटी का है। पये ही दोनों देश ऐसा है की जहां आने जाने के लिए न तो वीजा चाहिए और न ही पासपोर्ट। जैसे लोग अपने घर में आते जाते है वैसे ही दोनों देश के नागरिक एक दूसरे के यहां आते जाते है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा यूं तो पूरे बिहार में ही विकाश का कार्य किया गया है। लेकिन वाल्मीकि नगर वी टी आर के अंतर्गत किए गए विकास के कार्य की चर्चा को सुनकर उन्होंने वाल्मीकि वी टी आर के अवलोकन करने तथा यहां हुए विकास के कार्य को अपने प्रदेश में भी कराने के मकसद सेप वाल्मीकि नगर पहुंचे है। इसके साथ ही वाल्मीकि आश्रम को सीता सर्किट से जोड़कर अंतरास्ट्रीय पहचान दिलाने का भी प्रयास उनके द्वारा किया जा रहा है। माता जानकी की नगरी जनकपुर तथा प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या तो पहले से ही रामायण सर्किट से जुड़ा हुआ है। महर्षि वाल्मीकि की तपोभूमि तथा माता सीता के दोनों पुत्रों की जन्मस्थली को भी रामायण सर्किट से जोड़ने का प्रयास उनके द्वारा किया जाएगा। ताकि जनकपुर से अयोध्या जाने वाले और अयोध्या से जनकपुर आनेवाले पर्यटक वाल्मीक आश्रम भी पहुंच सके। इससे वाल्मीकि नगर का और विकास होगा। वाल्मीकि नगर स्थित गंडक बराज से दोनों देश के लोगों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन नेपाल के किसानों की शिकायत है की उन्हें कम पानी उपलब्ध हो रहा है। इसलिए जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों से मिलकर इसकी जानकारी लेंगे। वाल्मीक नगर की प्राकृतिक सुंदरता बहुत ही खूबसूरत है। जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के द्वारा अपने कार्यों के बदौलत और भी खूबसूरत बना दिया गया है। वाल्मीकि नगर वी टी आर अंतर्गत के मठ मंदिर तथा जंगल सफारी पर्यटकों को निश्चित रूप से लुभा रहा होगा। इस अवसर पर जद यू के वाल्मीकि नगर विधानसभा प्रभारी अजय कुशवाहा, बिहार प्रदेश जद यू के राजनीतिक सलाहकार वीरेन्द्र कुशवाहा, आदि उपस्थित थे।

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