बगहा में हो वन्देभारत ट्रेन का ठहराव, लोगों ने पीएम मोदी व रेलमंत्री से की माँग

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प्रतिदिन लाखों का राजस्व देता है बगहा रेलवे स्टेशन, रेल परिचालन व यात्री सुविधा की जोहता बाट, यात्रियों को होती है परेशानी

बगहा विस्तृत क्षेत्र में फैला राजस्व, पर्यटन, भौगोलिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व ऐतिहासिक रुप से है महत्वपूर्ण

विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

गोरखपुर से पटना वाया बेतिया, बापूधाम मोतिहारी के रास्ते आगामी बीस जून से चलने वाले प्रस्तावित वन्देभारत ट्रेन का बगहा में ठहराव की माँग तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद आगामी बीस जून से ट्रेन चलाने की तैयारी है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना में हरी झंडी दिखा सकते हैं। बगहा में इस ट्रेन के ठहराव को लेकर लोग मुखर होने लगे हैं। स्थानीय निवासी सुनिल कुमार ‘राउत’ ने सोशल मिडिया के माध्यम से सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधि का ध्यान आकृष्ट कराया है जिसका लोग समर्थन कर रहें हैं। वहीं समाजसेवी जयेश मंगल सिंह उर्फ जय सिंह ने बगहा को नजरअंदाज, उपेक्षा करने की बात कहते हुए वन्दे भारत का बगहा में ठहराव को लेकर रेलमंत्री को पत्राचार किया है।
राकेश सिंह, प्रेम कुमार, सौरभ स्वतंत्र आदि बगहा के लोग ट्रेन परिचालन व यात्री सुविधा को लेकर सरकार से माँग कर रहें हैं। स्थानीय यात्री व लोगों का कहना है कि यूँ तो भारतीय रेल देश के हर कोने से यात्रियों की सुविधा, सहूलियत के लिए प्रयास कर रहा है लेकिन बगहा के मामले में थोड़ा निराशाजनक लगता है कारण कि यहाँ कई ट्रेनों का ठहराव ही नहीं दिया गया है जबकि सत्र 2016-17 के आधार पर अनुमानतः बगहा रेलवे स्टेशन रेलवे को प्रतिदिन लगभग दो से ढ़ाई लाख रूपये, सालाना लगभग 8-9 करोड़ रूपये का राजस्व देता है। स्थानीय निवासी विधान पार्षद भीष्म सहनी, सांसद सुनील कुमार ने बगहा में ट्रेन के ठहराव आदि को लेकर बीते दिनों आए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को ज्ञापन सौंप माँग किए थे किन्तु समाचार सूत्रों के अनुसार बगहा में वन्देभारत ट्रेन का ठहराव नहीं दिखने पर स्थानीय लोग फिर से माँग तेज कर दिए हैं। सांसद रेल अधिकारी से सम्पर्क व पत्राचार कर रहें हैं।

वन्देभारत ट्रेन के ठहराव से मिलेगा राजस्व, होगी सुविधा

शिक्षक सुनिल कुमार ने कहा कि प्रस्तावित वन्दे भारत ट्रेन का ठहराव बगहा में आवश्यक भी है क्योंकि गोरखपुर के बाद बिहार का आरम्भिक मुख्य रेलवे बगहा ही स्टेशन है जो राजस्व, भौगोलिक, पर्यटन आदि के दृष्टि से विस्तृत क्षेत्र में फैले अनुसूचित जाति जनजाति बाहुल्य सुदूर क्षेत्र वाल्मीकिनगर, सेमरा, हरनाटांड, बगहा, हरिनगर तक, चौतरवा, गंडक पार प्रखंड के यात्रियों के लिए निटकतम महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। उक्त ट्रेन के ठहराव से रेलवे को राजस्व में वृद्धि होगी साथ ही स्थानीय यात्री, विद्यार्थी, व्यवसायिक आदि को गोरखपुर व राजधानी पटना आने- जाने में सहूलियत होगी।

राजस्व, पर्यटन, भौगोलिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व ऐतिहासिक रुप से बगहा महत्वपूर्ण

बगहा भौगोलिक रुप से अंतर्राष्ट्रीय सीमा भारत- नेपाल तथा उत्तरप्रदेश- बिहार का प्रतिनिधित्व करने वाला मुख्य शहर है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र, वाल्मीकिनगर में बनने वाला हवाई अड्डा, कॉन्वेंशन सेंटर, गंडक बराज, महर्षि वाल्मीकि व सीता माता आश्रम, शक्तिपीठ नरदेवी स्थान, मदनपुर देवी स्थान, चंडी स्थान, बौद्ध विहार आदि सहित पुलिस जिला, अनुमंडल, नगर परिषद, व्यवहार न्यायालय, उपकारा, अनुमंडलीय अस्पताल, चीनी मिल आदि से परिपूर्ण हैं। यहाँ राजस्व, पर्यटन आदि की अपार संभावना है। शिक्षक ने आगे कहा कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र थरूहट की राजधानी हरनाटांड, सेमरा आदि की सांस्कृतिक परिवेश, परम्परा, नृत्य यहाँ की विशेषता है। बगहा में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी व अन्य स्वतंत्रता सेनानी सहित ऐतिहासिक राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े स्थल यहाँ की शोभा हैं। वन्दे भारत ट्रेन सहित सभी नन स्टॉप ट्रेनों का बगहा में ठहराव से क्षेत्र व रेलवे लाभान्वित होगा।

अधिकारी बोले थे-बगहा बनेगा मॉडल स्टेशन, रैक पॉइंट

मार्च 2020 के प्रथम सप्ताह में बगहा रेलवे स्टेशन पर आए समस्तीपुर डिवीजन के डीआरएम अशोक माहेश्वरी ने रेलवे को लाखों के राजस्व वाले बगहा रेलवे स्टेशन का जल्द कायाकल्प होने व बगहा को मॉडल स्टेशन बनाये जाने की बात बोले थे। कहीं न कहीं विभाग में यह बात थी लेकिन लगभग पांच वर्ष बीत जाने पर भी बगहा को मॉडल स्टेशन बनाने का कार्य पूरा नहीं हो सका।
वहीं सितम्बर 2020 में ही बगहा में रैक पॉइंट को लेकर स्थानीय चीनी मिल प्रबंधन व रेल अधिकारी की सकारात्मक बात हुई थी। नरकटियागंज के टीआई मो. कलीम और जीएम बीएन त्रिपाठी बात किए थे किन्तु वह भी फिलहाल ठंडे बस्ते में मालूम पड़ रहा है। धीरे-धीरे यह बात भी उठने लगी है कि आखिर किन कारणों से बगहा का विकास बाधित हो जाता है ? क्या बगहा से स्थानीय जनप्रतिनिधि का नहीं होना भी बगहा के विकास में बाधक का कारण है ? आखिर बगहा के विकास की बात सामने आने के बावजूद भी क्यों बगहा उपेक्षित सा हो जाता है ? सरकार बगहा के विकास की बात ठंडे बस्ते में क्यों डाल देती है ?
मालूम हो कि बगहा को राजस्व जिला व बेहतर रेल परिचालन, ठहराव, यात्री सुविधा, अनुमण्डलीय अस्पताल को सदर अस्पताल का दर्जा आदि सहित अनेक माँग लोग वर्षों से करते आ रहें हैं तथा सरकारी घोषणा, दावा के बावजूद उदासीनता सामने आती है।

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