विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार
मधुबनी, बगहा अनुमंडल अंतर्गत मधुबनी प्रखंड स्थित राजकीय कृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज के पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय को वृंदावन चारधाम में प्रधान पुजारी पंडित संजीत कुमार त्रिपाठी एवं पंडित कुणाल पुजारी द्वारा सम्मानित होने पर वृंदावन चारधाम के गौशाला में “गोबर की राखी” विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाभारत के समय एक बार भगवान कृष्ण की अंगुली में चोट लग गई थी और उसमें से खून बहने लगा था. ये देखकर द्रौपदी जो कृष्ण जी की सखी भी थी उन्होंने आंचल का पल्लू फाड़कर उनकी कटी अंगुली में बांध दिया. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन से रक्षासूत्र या राखी बांधने की परंपरा शुरू हुई।इस बार गौ रक्षा के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाने का आग्रह करते हुए उन्होंने आगे कहा कि,रक्षाबंधन भाई बहन के प्यार के अटूट रिश्ते का प्रतीक होता है “इस रक्षा बंधन पर अपने भाई को गौ माता के गोबर से बनी राखियां पहना कर भाई-बहन के रिश्ते को और हमारे भारत देश को और मजबूत बनाएं। देसी गाय माता के गोबर से बनी हस्तनिर्मित , पर्यावरण पूरक आकर्षक और सुंदर राखियों का विशाल संग्रह बाजार में उपलब्ध है।गोबरकी ही राखी क्यों बांधे के विषय में चर्चा करते हुए पूर्व प्राचार्य ने कहा कि- गौ माता के आशीर्वाद के साथ आपके भाई के प्रति विशेष रूप से आपका प्यार और स्नेह को दर्शाता हैं।
गौ माता का गोबर पॉजिटिव एनर्जी के साथ एंटी रेडिएशन का भी काम करता हैं। , मान्यताओके अनुसार गाय गोबर में लक्ष्मी का वास होता है। इन राखियों के साथ फ़ुल , फल और सब्जियों के बीज हैं जो कि राखी त्योहार के बाद राखी को गमले में डालें और इस त्योहारको यादगार बनाएं।
इस अवसर पर पंडित संजय मिश्रा, दिनेश कुमार गुप्ता, वीरेंद्र ऊर्फ छोटे, अंजनी, अनन्या, और श्रीमती विमला देवी आदि उपस्थित रहे।