स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों की दोस्त है साइकिल -पं-भरत उपाध्याय

0
115

विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार


पर्यावरण की‌ दृष्टि से साईकिल वास्तविक हरित वाहन है।तेज रफ्तार जीवन शैली में साइकिलिंग का समावेश अच्छी सेहत और फिटनेस के साथ लंबी जिंदगी का वादा करता है। 45 मिनट की साइकलिंग भरपूर व्यायाम है ।सेहत की सवारी साइकिल,पर्यावरण के साथ दोस्ती का कदम बढ़ा रही है। 3 जून को विश्व साइकिल दिवस है। साइकिल चलाना सबसे सहज और आनंद दायक तरीके से मोटापा घटाकर स्वास्थ्य सुधारने का उत्तम तरीका है। सप्ताह में तीन से पांच बार 10 से 20 मिनट की धीमी साइकलिंग हृदय एवं फेफड़े को स्वस्थ्य रखने में, सुधार और शरीर में संग्रहित वसा को ऊर्जा में बदलने में बड़ी मदद कर सकती है। इसके साथ एक बढ़िया बात यह भी है कि कई वजन उठाने वाले व्यायाम के विपरीत ,साइकिल चलाने से घुटनों, कमर और टखनों पर कम दबाव पड़ता है। साइकिल चलाने का मतलब फेफड़ों को मजबूत बनाना है, साथ ही इससे धैर्य बढ़ता है। इंसुलिन संवेदन में सुधार होता है, जिसमें टाइप टू डायबिटीज जैसी मेटाबॉलिक समस्याओं का जोखिम कम होता है। साइकिल चलाने से मांसपेशी तंत्र विकसित होते हैं, जो शरीर को देर तक मेहनत कर सकने में सक्षम बनाते हैं। साइकिलिंग वह कौशल है जिसकी आपके बुढ़ापे में सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है। मैं फिर से दोहरा दूं कि नियमित साइकिल चलाना आपका हृदय और फेफड़ों की प्रणाली को स्मार्ट तरीके से काम करने के लिए प्रशिक्षित करता है। फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार करता है। साइकिल चलाना स्वस्थ जीवन के लिए खास हथियार है। साइकिल अपने फिटनेस के लिए चुनें या अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करें। इससे शरीर के लिए लाभ ही लाभ है। सेहत और पर्यावरण दोनों को दुरुस्त रखती है साइकिल की सवारी। बचपन में सुदर्शन जी का साइकिल की सवारी रूपी मनोरंजक लेख पढ़ने को मिला था। साईकिल की सवारी सामाजिकता की भावना जागरुक करने का काम भी करती है। हमने बचपन के दिनों में समवयस्क बच्चों को किराए की साइकिल पर ,महिलाओं को साड़ियों में और बुजुर्गों को बजार,हाट में साइकिल चलाते देखा है। 20वीं शताब्दी के आठवें दशक तक शान की सवारी साइकिल, दोगुनी शान से लौट आई है ।इस बार आपकी सेहत के सफर को आसान और जीवन को दीर्घायु बनाने के लिए साइकिल, उपचार, सशक्तिकरण और अंतर मन में बदलाव का प्रेरक बन गई है। इसके संचालन में ध्यान तीव्रता पर नहीं निरंतरता पर होती है। वर्तमान में शरीर की क्षमता को देखते हुए साइकिल के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है क्योंकि इससे पूरे शरीर का व्यायाम होता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here