सरकार को आम जनता की नहीं,पूंजीपतियों की फिक्र:मो. सईद सिद्दीकी का केंद्र सरकार पर कड़ा बयान

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रमेश ठाकुर – पश्चिम चंपारण, बिहार
दिनांक: 05 अप्रैल 2025

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार गुट) के राष्ट्रीय महासचिव एवं पंचायती राज विभाग के प्रभारी मो. सईद सिद्दीकी ने केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने और जनता की आवाज़ को दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि “आज देश में विचारों की आज़ादी को कुचला जा रहा है और शिक्षण संस्थानों को सैन्य छावनी में बदला जा रहा है।”उन्होंने विशेष रूप से जामिया मिलिया इस्लामिया का उल्लेख करते हुए कहा, “जहाँ किताबें होनी चाहिए थीं, वहाँ अब बंदूकें हैं। जहाँ शिक्षा का माहौल होना चाहिए था, वहाँ अब दहशत फैलाई जा रही है। देशभर में फ्लैग मार्च और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती करके भय का वातावरण तैयार किया जा रहा है, जिससे आम लोगों की आवाज़ को कुचला जा सके।”सिद्दीकी ने यह भी कहा कि सरकार जिन कानूनों को ‘मुसलमानों के हक़’ का कानून बताकर पेश कर रही है, वह केवल एक दिखावा है। उन्होंने सवाल उठाया, “जिन दलों के पास एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है और जो मुसलमानों को टिकट तक नहीं देते, उन्हें अचानक मुसलमानों की चिंता क्यों सताने लगी है?” उन्होंने कहा कि यह सरकार न तो मुसलमानों की हितैषी है और न ही किसी अन्य धर्म या वर्ग की। मो. सईद सिद्दीकी ने अपने बयान में बताया कि वर्तमान सरकार केवल कुछ चंद बड़े उद्योगपतियों — अडानी और अंबानी — के हितों की रक्षा करने में लगी है। “देश की आर्थिक और कूटनीतिक स्थिति पर सरकार की चुप्पी हैरान करने वाली है,” उन्होंने कहा। “अगर वास्तव में सरकार देश के प्रति ईमानदार होती, तो अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ, बांग्लादेश-चीन की बढ़ती नजदीकी, जैसे अंतरराष्ट्रीय मसलों पर संसद में खुलकर चर्चा होती। लेकिन सरकार इन गंभीर विषयों पर मौन है और विदेश जाकर दिखावटी मुलाकातों में व्यस्त रहती है।”अंत में उन्होंने कहा, “यह सरकार ‘लोकतंत्र’ के नाम पर ‘नफरत और भय’ की राजनीति कर रही है। हमें मिलकर ऐसी राजनीति को बेनकाब करना होगा और संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवाज़ उठानी होगी।”

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