मझौलिया में शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया मोहर्रम का पर्व।

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मोहर्रम पर्व पर निकाला गया ताजिया जुलूस
में दिखाए गए शानदार करतब।


मोहर्रम पर्व पर पुलिस प्रशासन रहा अलर्ट शहादत की याद में मनाया जाता है मोहर्रम का पर्व।

अनिल कुमार शर्मा मझौलिया पश्चिम चंपारण।


मझौलिया प्रखंड में शांतिपूर्ण ढंग से मोहर्रम पर्व पर ताजिया जुलूस निकाला गया। जुलूस में हथियारों के प्रदर्शन और डीजे पर प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था। जिस दौरान या अली या अली और हसन हुसैन हसन हुसैन की गूंज से वातावरण गुंजित होता रहा। ताजिया जुलूस में जमकर लाठियां भाजी गई तथा शानदार करतब दिखाए गए। जिस दौरान पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मूड में रहा तथा हर जगह पुलिस प्रशासन की तैनाती देखी गई।


बताते चले की मोहर्रम पर्व के पहले आशुरा यानी कत्ल की रात मनाई जाती है। जिसमें इस्लाम धर्म की मान्यता के अनुसार हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में ताजिया निकाला जाता है। इराक में जालिम और इंसानियत का दुश्मन बादशाह यजीद हुआ करता था जिसको अल्लाह के ऊपर विश्वास नहीं था। जालिम बादशाह यजीद ने हजरत इमाम हुसैन को अपने खेमे में आने का फरमान जारी किया जिसको उन्होंने ना मंजूर कर दिया और अपने 72 साथियों के साथ कर्बला पहुंचे । जहां जालिम बादशाह यजीद ने जंग का ऐलान कर दिया।

जंग के दसवें दिन हजरत इमाम हुसैन अपने बेटे और घर वालों के साथ कर्बला के मैदान में शहीद हो गए । हजरत इमाम हुसैन की शहादत और कुर्बानी की याद में मोहर्रम का पर्व मनाया जाता है।
जो इस दिन मातम का पर्व माना गया है। जो यह
मोहर्रम का पर्व सत्य अहिंसा एकता भाईचारा पारस्परिक सौहार्द का सौगात देते हुए मानवता व इंसानियत की रक्षा के लिए कुर्बानी देने का संदेश देता है।

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