विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार
मधुबनी, बगहा अनुमंडल अंतर्गत मधुबनी प्रखंड स्थित राजकीय कृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज मधुबनी के पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय ने श्रावण मास के महत्व को बताते हुए कहा कि,भगवान शिव कहते हैं कि सभी महीनों में मुझे श्रावण अत्यंत प्रिय है। इसकी महिमा सुनने योग्य है। इसलिए इसे श्रावण कहा जाता है। इस महीने में पूर्णिमा पर श्रवण नक्षत्र होता है इस कारण भी इसे श्रावण कहा गया है।भगवान शिव अंतर्यामी हैं, वह सब जानते हैं। इसीलिए हिन्दू ग्रंथो के अनुसार माना जाता है कि भगवान शिव ने ऐसी बातें मां पार्वती जी को बताई थी, जो कलयुग के लोगो के लिए बेहद काम की है। शिव जी ने मां पार्वती को बताई थी कि मनुष्य को हमेशा अपने कार्यों का साक्षी बनना चाहिए। जब कोई व्यक्ति बुरे कर्म करता है तथा अन्याय की राह पर चलता है तो वह यह सोचकर आगे बढ़ता जाता है कि कोई उसे नहीं देख रहा। लेकिन उसे यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि वह एक बड़ा पापी है इसका गवाह वह खुद ही है।
शिव जी के अनुसार मनुष्य को हमेशा उसके कर्मों के अनुसार ही फल भोगना पड़ता है। यदि कर्म अच्छे होंगे तो परिणाम भी अच्छा होगा और अगर कर्म बुरे होंगे तो उसका परिणाम भी बुरा ही मिलेगा। इसीलिए भूलकर भी अपने मन में किसी का अहित करने के विषय में सोचना भी नहीं चाहिए। भगवान शिव ने पार्वती जी से बताया कि यदि मनुष्य किसी व्यक्ति, परिस्थिति या अपने आप से बहुत लगाव रखता है तो वह कभी जीवन में सफल नहीं हो सकता। क्योंकि इन सब के लगाव के कारण वह एक माया जाल में उलझा रहता है।