रमेश ठाकुर के साथ अब्दुल बासित-बेतिया पश्चिम चंपारण
दिनांक:- 22-07-2025
मैनाटांड़ प्रखंड अंतर्गत भंगहा पंचायत के वार्ड संख्या-13 में आशा कार्यकर्ता की बहाली को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बहाली प्रक्रिया को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने पंचायत के मुखिया एवं मैनाटांड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के ब्लॉक कम्युनिटी मैनेजर (बीसीएम) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बिना किसी आमसभा के आशा कार्यकर्ता की बहाली कर दी गई, जो नियमों के विरुद्ध है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि बहाली प्रक्रिया न केवल अपारदर्शी थी बल्कि इसमें वार्ड के लोगों और पंचायत प्रतिनिधियों को भी कोई जानकारी नहीं दी गई। विरोध कर रही एक महिला ने कहा, “हमारे वार्ड में न तो किसी आमसभा की सूचना दी गई और न ही पंचायत में इस पर कोई चर्चा हुई। यह पूरी प्रक्रिया पहले से तय योजना के तहत की गई है, जिसमें पारदर्शिता नहीं बरती गई।” वहीं प्रदर्शन के दौरान मौके पर उपस्थित ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों में पार्वती देवी, सुगंधी देवी, लालसा देवी, मोहपति देवी, उमा देवी, बासमती देवी, रोवन राम, लखन राम, संतोष राम, बिकाऊ राम, ठग राम, रामजीत राम और जग राम आदि शामिल रहे। ग्रामीणों ने इस मामले में जांच की मांग करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) और जिला प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते इस तरह की गड़बड़ियों पर लगाम नहीं लगाई गई, तो यह योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय होगा और पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। इस मामले में जब भंगहा पंचायत के मुखिया से दूरभाष पर संपर्क साधने की कोशिश की गई, तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। वहीं, मैनाटांड़ सीएचसी के बीसीएम ने बताया कि बहाली से पहले आमसभा का आयोजन किया गया था। हालांकि, उन्होंने इस संबंध में कोई संतोषजनक प्रमाण या जानकारी नहीं दी। गौरतलब है कि आशा कार्यकर्ताओं की बहाली एक संवेदनशील प्रक्रिया होती है, जो ग्रामस्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाती है। ऐसे में यदि बहाली प्रक्रिया में पारदर्शिता न रहे तो यह न केवल असंतोष को जन्म देती है बल्कि प्रशासनिक प्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।