तिरहुत नहर के बांध पर मंडरा रहा खतरा, कार्य में हुई अनियमित को दिखाते ग्रामीण।
वाल्मीकिनगर से अभिमन्यु गुप्ता की रिपोर्ट

वाल्मीकिनगर-बगहा मुख्य सड़क के धोबहां पुल के निकट मुख्य तिरहुत नहर के 48 आर डी के नीचे से गुजरने वाली साइफन में जमा सिल्ट की साफ- सफाई के नाम पर भरी अनियमितता बरतने का मामला प्रकाश में आया है। साइफन के अंदर जमा सिल्ट की सफाई के लिए जल संसाधन विभाग के द्वारा निविदा जारी कर बरसात पूर्व साफ-सफाई का कार्य शुरू किया गया।परन्तु संवेदक के द्वारा साइफन के बेड में जमा सिल्ट को काटकर साइफन के किनारे बांध पर डाल दिया गया है। और खानापूर्ति कर दी गई है। जो पहली बरसात में हीं बारिश के पानी के साथ सिल्ट वापस साइफन में बहकर आ जाएगी। साइफन के अंदर कई वेंट है। इसके रास्ते मनोर नदी का पानी का बहाव होता है। जिसके अंदर भारी मात्रा में सिल्ट जमा होने के कारण पहाड़ी नदी मनोर का पानी इस रास्ते से पुरी तरह नहीं बह पाएगा। किंतु साइफन के भेंट के अंदर की सफाई नहीं होने से मनोर के पहाड़ी पानी का दबाव 48 आर डी पर नहर के बांध पर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
कार्य में हुई अनियमितता से नौरंगिया पंचायत के ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है। इस बाबत नौरंगिया पंचायत के सेमरीडीह, डूमरी और नौरंगिया गांव के ग्रामीणों में जमील आलम, सुभाष बिन, सुरेश महतो, अजय काजी,दीनानाथ मुसहर ,अजीर आलम ,शमशाद आलम , रमाकांत माझी प्रमोद बिन, आदि ने बताया कि संवेदक और अधिकारियों के द्वारा आपसी मिली भगत से भारी अनियमितता बरती गई है। और सरकारी राजस्व का दुरुपयोग किया गया है।साइफन की सफाई नहीं की गई है ।जिससे बांध पर खतरा मंडरा रहा है।
इस बाबत नौरंगिया दरदरी पंचायत के मुखिया सुनील महतो ने बताया कि साइफन की सफाई के नाम पर मात्र खानापूर्ति अधिकारियों और संवेदक के द्वारा की गई है। सरकारी पैसे का दुरुपयोग हुआ है। तिरहुत नहर के बांध पर मनोर नदी के बाढ़ के पानी का दबाव पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता । मुखिया ने इस मामले में पश्चिमी चंपारण बेतिया के जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार से साइफ़न की सफाई व बांध की सुरक्षा को लेकर जांच की मांग की है। इस बाबत मुख्य तिरहुत नहर के सहायक अभियंता मोहम्मद सालिक फरीदी और कनीय अभियंता विरोधज सरकार से दुरभाष पर संपर्क किया गया किन्तु उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार किया।