क्या अब ईमानदारी से मेहनत करके भी गरीब सुरक्षित नहीं है?
विजय कुमार शर्मा – बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार
दिनांक:- 29-06-2025
संतपुर बलुअहवा के छेदीया चौक पर स्थित राजू शाह का एक छोटा सा ढाबा है, जहाँ वे पकौड़ी, भुजा, अंडा और कोल्डड्रिंक्स बेचकर अपने परिवार का गुज़ारा कर रहे हैं। यह ढाबा उन्होंने दो महीने पहले खोला था, ताकि मेहनत करके अपने बच्चों का पेट भर सकें। दुकान के पास से सैनिक रोड गुजरता है और यह इलाका थाना गोवर्धना के अंतर्गत आता है। इतनी गर्मी में भी राजू शाह के ढाबे में आज तक न बिजली का कनेक्शन है और न ही कोई अवैध बिजली चोरी हो रही है। कोल्डड्रिंक्स को ठंडा रखने के लिए वो बाहर से बर्फ लाकर फ्रीजर में रखते हैं और उसी से ग्राहकों को ठंडा पेय उपलब्ध कराते हैं।

लेकिन अफसोस की बात यह है कि बीते 8 दिन पहले इलाके के जेई (कनीय अभियंता) ने बिना कोई पूछताछ किए, बिना यह देखे कि फ्रीजर बिजली से चल रहा भी है या नहीं, मनमानी करते हुए उनके खिलाफ बिजली चोरी का केस दर्ज कर दिया। दुकान में फ्रीजर के अलावा कोई बल्ब या पंखा तक नहीं है। राजू शाह बेहद गरीब हैं। वह और उनका परिवार इस भीषण गर्मी में दुकान के बाहर ही सोते हैं, क्योंकि उनके पास घर तक की व्यवस्था नहीं है। मगर उनकी ईमानदारी और संघर्ष को नजरअंदाज करते हुए जेई ने न सिर्फ उन पर झूठा आरोप लगाया, बल्कि उनकी रोज़ी-रोटी को भी संकट में डाल दिया। जब इस मामले में एसडीओ से फोन पर संपर्क साधने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब तक नहीं समझा। इससे साफ है कि जिम्मेदार अधिकारी गरीबों की आवाज़ सुनने में कोई दिलचस्पी नहीं रखते। प्रशासन की यह बेरुखी और जेई की यह तानाशाही एक बड़ा सवाल खड़ा करती है ।