विजय कुमार शर्मा -बगहा पश्चिम चंपारण,बिहार
दिनांक:- 21-06-2025
बगहा थाना क्षेत्र अंतर्गत खरपोखरा टीओपी के वार्ड संख्या 15 में उस समय सनसनी फैल गई जब एक 10 वर्षीय मृतक बालक को कब्र से बाहर निकाल कर झाड़-फूंक के जरिए जीवित करने की कोशिश की गई। यह खबर जंगल की आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई, जिसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। मृतक बालक की पहचान स्थानीय निवासी सुखदेव पटेल के 10 वर्षीय पुत्र संदीप कुमार के रूप में की गई है। मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार दोपहर बालक खेत (सरेह) से लौटकर घर आया और चौकी पर बैठा ही था कि अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा। आनन-फानन में परिजनों ने उसे बगहा अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गमगीन परिवार ने बालक का शव घर ले जाकर शुक्रवार को ही दफना दिया। लेकिन शनिवार सुबह पूरे घटनाक्रम ने नया मोड़ ले लिया जब एक झाड़-फूंक करने वाली महिला ने दावा किया कि वह बालक को दोबारा जीवित कर सकती है। इस पर परिजनों ने कब्र खोदकर बालक का शव बाहर निकाल लिया। घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी और मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हो गए। हर कोई यह जानने को उत्सुक था कि क्या झाड़-फूंक की यह प्रक्रिया सफल होगी या फिर अंधविश्वास एक बार फिर लोगों को धोखा देगा। थाना प्रभारी रमेश रविदास ने बताया कि परिजनों से पूछताछ में पता चला कि बालक की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। मामले में अभी तक किसी प्रकार की आपराधिक आशंका सामने नहीं आई है। वहीं, बालक का पिता रोजगार के सिलसिले में बाहर रहता है। फिलहाल, शव को दोबारा बाहर निकालने और झाड़-फूंक की प्रक्रिया को लेकर प्रशासनिक सतर्कता जरूरी मानी जा रही है। यह मामला न केवल चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका भी उदाहरण है।