समाज के पथ-प्रदर्शक थे पंडित दूधनाथ तिवारी -पं-भरत उपाध्याय

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार


मधुबनी, बगहा अनुमंडल अंतर्गत मधुबनी प्रखंड स्थित राजकीय कृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज के पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय ने अपने समधी पंडित दूधनाथ तिवारी ग्राम छत्तरपट्टी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि -सच में श्मशान पहुंचने पर हम जैसे इंसान कृत्रिम दुनिया से परे हो जाते हैं। जैसे लगता है कि क्या है? इस दुनिया में सब कुछ तो यही है, जन्म के बाद से ही हम यहां आने के बीच ताउम्र छल प्रपंच तेरा मेरा में समय गंवा देते हैं। यह जानते हुए की इस धरती से एक कण धूल भी नहीं ले जा सकते, जितने भी भौतिक चीज अर्जित किये हैं सब यहीं रह जाना है। जिन्हें हम अपना समझते हैं, वही यहां आकर हमारे नाम रिश्ते की बजाय मिट्टी और लाश कहते हैं।एक दूसरे से पूछते हैं की मिट्टी जलने में कितना समय लगेगा। यही हकीकत है, श्मशान आने पर सिर्फ लाशों का ही नहीं हमारे मोह माया का भी अवसान हो जाता है। यहां चारों तरफ चिताओं का मेला है,पर हर शख्स तन्हा हर शख्स अकेला है।

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