हर पल अपने को श्री हनुमानजी के स्मरण व सुमिरन में लगाएं -सिद्धार्थ मणि

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार


शुभाश्रम धाम में पूर्व प्राचार्य हुए सम्मानित
बगहा,पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय ने स्थानीय शुभाश्रम धाम में नवाह् अनुष्ठान एवं प्रवचन कार्यक्रम के समापन सत्र को पंडित सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी के साथ दीप प्रज्वलित करते हुए,अपने संबोधन में कहा कि शुभाश्रम धाम हमारी संस्कृति सभ्यता और जीवन दर्शन का प्रतिबिंब है। जो निरंतर नए अर्थो और प्रसंगिकताओं के साथ हमारे भीतर जीवित रहती आई है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की कथा ने मानवी संघर्ष की समस्त छटाओं को समेटते हुए मर्यादाओं की स्थापना की प्रतिमान रचे हैं। भारत के प्रत्येक क्षेत्र और लगभग सभी भाषाओं में राम कथा जन जन के हृदय में रची बसी है ।राम कथा सांस्कृतिक एकता का उत्सव है, जो संपूर्ण भारतवर्ष को एक सूत्र में बांधती है ।विविधता में एकता का यही भाव सांस्कृतिक संदर्भ में अनुभव कराती है।


इस दुनिया में सबसे सस्ती होती हैं भावनाएं, लेकिन अनमोल होते हैं वे लोग जो इन भावनाओं को समझते हैं। जो समझे भी और समझाए भी वही जीवन में सबसे करीब होता है। मैं इस अवसर पर पीठाधीश्वर अखिलेश शांडिल्य ,घनश्याम मणि त्रिपाठी, पंडित हेमंत तिवारी ,प्रिया प्रियदर्शनी ,कौशल किशोर महाराज सहित सभी श्रेष्ठ विद्वानों को हृदय से आशीर्वाद देता हूं,जिन्होंने अपनी सहज, सरल,सरस वाणी में कथा सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है।
इस अवसर पर पंडित सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी ने कहा कि हमें अपने मन को विषयों से मुक्त करने की गंभीर लड़ाई कड़ाई से लड़नी चाहिए। लेकिन इसके लिए हथियार की जरूरत है। इसका सबसे अचूक हथियार है जब मौका मिले श्री सीताराम नाम जप करना। मन पर नियंत्रण करना। जो मन चाहे वह हम लोगों को करने से हर हाल में बचना होगा। यह तो तय है कि संसार से जाना है। यह भी तय है कि कुछ साथ लेकर नहीं जाना है। यहां तक की नंगा शरीर भी नहीं। तब उपाय सिर्फ एक ही है विषय से मुक्ति के लिए संग्राम!


पीठाधीश्वर अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक अखिलेश शांडिल्य ने इस अवसर पर पूर्व प्राचार्य पंडित भरत उपाध्याय गुरु जी को अंग वस्त्र से सम्मानित करते हुए कहा कि-हनुमत् जन्मोत्सव के अवसर पर हम याचना करते हैं कि बजरंगबली समस्त विश्व का कल्याण करें। सैंतालीस वर्षों से चले आ रहे हनुमत् जन्मोत्सव आयोजन की शानदार सफलता के लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं।
छपरा की धरती से पधारी मानस माधुरी प्रिया प्रियदर्शनी को पंडित सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर विख्यात कथा वाचक पंडित हेमंत तिवारी, कौशल किशोर महाराज एवं वाद्य यंत्र पर उनके सहयोगी सलमान, शाश्वत मिश्रा एवं मनीष को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर एडवोकेट प्रेम नारायण मणि त्रिपाठी ,धीरेंद्र मणि त्रिपाठी ,अनिल मिश्रा ,मुन्ना मिश्रा ,भरत मणि,विश्व प्रकाश मणि, विश्वेश्वर मणि,अद्वैत, अहमद दीवान, दिनेश कुमार गुप्ता, कैलाश सैनी, बाबूलाल गुप्ता, राजेश निषाद, पंडित संजय तिवारी, जितेन्द्र तिवारी,श्रीनिवास मणि, सुनील मणि,यशु मणि, आशीष मणि, मनीष मणि,सूरज यादव, बाबूलाल गुप्ता, शशिकांत मिश्रा, दिनेश कुमार गुप्ता, उमेश यादव जितेंद्र यादव, गंगेश्वर यादव,राज किरण सहित सैकड़ों लोगों ने कथा रसपान किया।

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