जनता
में
आक्रोश,
राजद
ने
किया
थाने के घेराव
की
चेतावनी
विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

बिहार में एनडीए सरकार के शासनकाल में कानून व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है, वही अब कानून को पैरों तले रौंदते नजर आ रहे हैं। लौरिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नवलपुर थाना के थानाध्यक्ष अनुपम कुमार राय पर अत्याचार, भ्रष्टाचार और तानाशाही के गंभीर आरोप लगे हैं। एक वायरल वीडियो ने पूरे प्रशासनिक ढांचे को हिला कर रख दिया है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक साधारण युवक, जिस पर कोई संगीन अपराध का आरोप नहीं है, उसे थाने में न सिर्फ गालियाँ दी जा रही हैं बल्कि थानाध्यक्ष स्वयं बूट से बेरहमी से पीटते नजर आ रहे हैं। यह घटना दर्शाती है कि पुलिस अब न्यायपालिका की भूमिका में खुद को स्थापित करने लगी है – बिना किसी मुकदमे, बिना किसी जांच और बिना किसी उच्च अनुमति के, सीधे सज़ा दी जा रही है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक यह युवक एक मामूली विवाद में थाने बुलाया गया था, लेकिन थानाध्यक्ष राय ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसे बुरी तरह पीटा और फिर मनमर्जी से आरोप लगाकर जेल भेज दिया। ऐसी पुलिसिया कार्रवाई न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ भी है। जनता में भारी गुस्सा है। कई सामाजिक संगठनों, ग्रामीणों और स्थानीय राजद कार्यकर्ताओं ने इसे ‘तानाशाही का चरम रूप’ बताते हुए प्रशासन से तत्काल कार्यवाही की मांग की है। राजद के प्रवक्ताओं ने साफ कहा है, “यदि इस घटना की निष्पक्ष जांच नहीं हुई और दोषी अधिकारी पर सस्पेंशन सहित कानूनी कार्यवाही नहीं की गई, तो हम नवलपुर थाना का घेराव करेंगे। हालांकि इस वायरल वीडियो का vyn time पुष्टि नहीं करता है अब जनता चुप नहीं बैठेगी।”इस घटना ने पूरे लौरिया विधानसभा क्षेत्र में पुलिसिया दमन के खिलाफ आवाज़ को तेज कर दिया है। लोग अब सवाल पूछ रहे हैं –
क्या यही सुशासन है?
क्या आम जनता थाने में सुरक्षित नहीं रही?
क्या अब थाने में न्याय नहीं, अत्याचार मिलेगा?
राजद ने जनता से अपील की गई है कि वे इस अन्याय के खिलाफ एकजुट हों और लोकतंत्र की रक्षा में अपनी भागीदारी निभाएं। अब देखना यह है की बेतिया एसपी शौर्य कुमार सुमन के संज्ञान में आते ही दोषी बक्शा जाता है या नहीं ।