राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका और योगदान अतुलनीय : शिक्षक सुनिल

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विश्व शिक्षक दिवस 2025 थीम ‘शिक्षण को सहयोगी पेशे के रूप में पुनर्परिभाषित करन

विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

बगहा, रविवार 5 अक्टूबर, शिक्षक हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, वे हमें ज्ञान और जीवन के लिए सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। शिक्षक हमें न सिर्फ पढ़ाते हैं बल्कि हमारे भविष्य को आकार देकर हमें जिम्मेदार नागरिक भी बनाते हैं तथा हमें कर्तव्य का बोध कराते है। उक्त बातें विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर स्थानीय निवासी शिक्षक सुनिल कुमार ने कहा। शिक्षक सुनिल कुमार अपने शिक्षण के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण आदि भी फैलाते रहते हैं। इनके इस प्रयास के लिए उन्हें शिक्षा विभाग, WWF इंडिया, नगर प्रशासन, अनुमंडल प्रशासन, जिलाधिकारी, जनप्रतिनिधि, विभिन्न संस्थान, शैक्षिक आगाज़ आदि द्वारा पुरस्कृत, सम्मानित किया जा चूका है साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा शुभकामना संदेश भी प्राप्त हो चूका है। शिक्षक का संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम, राष्ट्र पर्यावरण शिक्षा, WWF व पर्यावरण शिक्षा केंद्र द्वारा दी यंग लीडर्स चैम्पीयशीप में चयन हुआ था तथा राष्ट्रीय स्तर की पुस्तक समीक्षा में भी शामिल हो चुके है।शिक्षक सुनिल कुमार ने आगे बताया कि विश्व भर के शिक्षकों के योगदान, उनके समर्पण भाव, कर्तव्यनिष्ठा को नमन करने, उन्हें प्रोत्साहित करने एवं उनके अधिकारों के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष पाँच अक्टूबर को शिक्षकों के समर्पण और योगदान को सम्मानित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

हालांकि भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

विश्व शिक्षक दिवस का उद्देश्य न केवल शिक्षकों की उपलब्धियों का जश्न मनाना है, बल्कि शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए उनके सामने आ रही चुनौतियों पर भी ध्यान केंद्रित करना है। शिक्षक ने आगे बताया कि इस वर्ष 2025 अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस की थीम ‘शिक्षण को सहयोगी पेशे के रूप में पुनर्परिभाषित करना’ है। यह थीम इस बात पर ज़ोर देती है कि शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षण को सिर्फ एक व्यक्तिगत प्रयास के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि शिक्षकों को एक-दूसरे के साथ अनुभव साझा करने, नई तकनीकों को अपनाने और शिक्षा प्रणाली को सामूहिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सहयोग और साझेदारी का माहौल प्रदान करना आवश्यक है।

मालूम हो कि संयुक्त राष्ट्र में विश्व शिक्षक दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने के लिए साल 1994 में 100 देशों के समर्थन से यूनेस्को की सिफारिश को पारित कर दिया गया। इसके बाद 5 अक्टूबर 1994 से अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा। इस बार 2025 में विश्व शिक्षक दिवस की 31वीं सालगिरह है।
अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस का आयोजन यूनिसेफ, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और एजुकेशन इंटरनेशनल (ईआई) मिलकर करते हैं। 1966 में UNESCO/ILO की अनुशंसा ने शिक्षकों के अधिकार, ज़िम्मेदारियाँ और प्रशिक्षण के मानक तय किए, और आज भी यह अनुशंसा शिक्षा जगत को मार्गदर्शन देती है।

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