वाल्मीकिनगर में मानवाधिकार एवं जैव विविधता संरक्षण पर कार्यशाला आयोजित

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बाल्मिकीनगर से नंदलाल पटेल की रिपोर्ट

वाल्मीकिनगर। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल-2 के अंतर्गत वाल्मीकिनगर रेंज स्थित वन विभाग सभागार में शुक्रवार को “जैव विविधता संरक्षण में मानवाधिकार” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वन विभाग एवं डब्ल्यूडब्ल्यूएफ (WWF) के संयुक्त सौजन्य से आयोजित हुआ।

कार्यशाला में डीएफओ पीयूष बरनवाल के साथ वाल्मीकिनगर रेंजर अमित आनंद, मदनपुर रेंजर नसीम अहमद, गनौली रेंजर राजकुमार पासवान, हरनाटांड़ रेंजर शिवकुमार राम तथा चिउटाहां रेंजर अमित कुमार समेत लगभग 50 वनपाल और वनरक्षी शामिल हुए। प्रशिक्षक के रूप में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की डॉ. प्रिया गुप्ता और अहबर आलम मौजूद रहे।

डॉ. प्रिया गुप्ता ने प्रतिभागियों को मानवाधिकार और मौलिक अधिकारों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों की तरह मानवाधिकार भी सबके लिए समान हैं, जिनमें शिक्षा, व्यापार और जीवन-यापन जैसे अधिकार शामिल हैं। उन्होंने समझाया कि वनकर्मियों को अपने कर्तव्य निर्वहन के दौरान मानवाधिकारों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जंगल में अवैध गतिविधि करने वालों को डराने-धमकाने की बजाय खतरनाक वन्यजीवों की मौजूदगी बताकर समझाना अधिक बेहतर है। ऐसा करने से न केवल हिंसक टकराव टाला जा सकता है बल्कि मानवाधिकारों का सम्मान भी सुनिश्चित होता है।

डॉ. गुप्ता ने यह भी कहा कि कार्यस्थल पर सहकर्मियों के बीच जातीय और धार्मिक भेदभाव न होना भी मानवाधिकार का अहम हिस्सा है। किसी भी रूप में मानवाधिकार का हनन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, जो अस्वीकार्य है।

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