युगपुरुष अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तित्व अविस्मरणीय— पं. भरत उपाध्याय, पूर्व प्राचार्य

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

भारत माता के सच्चे सपूत, राष्ट्र पुरुष, राष्ट्र मार्गदर्शक, अटल बिहारी वाजपेयी जी का व्यक्तित्व और कृतित्व भारतीय राजनीति के आकाश पर सदैव अमर रहेगा। वे केवल भारत रत्न नहीं थे, बल्कि सही मायनों में भारत की आत्मा और संस्कृति के प्रतीक थे।

जनता के प्रधानमंत्री

अटल जी ने ज़मीन से जुड़े रहकर राजनीति की। वे सत्ता के शिखर पर पहुँचकर भी आमजन से कटे नहीं, बल्कि “जनता के प्रधानमंत्री” के रूप में हर वर्ग के दिलों में अपनी छाप छोड़ गए। बच्चा, युवा, महिला या बुज़ुर्ग—हर कोई उन्हें अपना आदर्श मानता था।

साफ-सुथरा सार्वजनिक जीवन

उनका सार्वजनिक जीवन बेदाग और पारदर्शी रहा। राजनीतिक विरोधी भी उनके व्यक्तित्व और भाषण कला के कायल थे। उनके लिए सदैव राष्ट्रहित सर्वोपरि रहा। उनकी कविताओं ने समाज को जागरूक किया और बुराइयों पर प्रहार किया।

राजनीति और राष्ट्रवाद के स्तंभ

25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर में जन्मे अटल जी ने शिक्षा प्राप्त करने के बाद पत्रकारिता से अपने करियर की शुरुआत की। ‘राष्ट्रधर्म’, ‘पाञ्चजन्य’ और ‘वीर अर्जुन’ जैसी पत्रिकाओं के माध्यम से उन्होंने राष्ट्रीय चेतना जगाने का काम किया।
वे भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य रहे और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी तथा पं. दीनदयाल उपाध्याय जैसे प्रखर राष्ट्रवादियों के साथ कार्य किया।

विश्व पटल पर भारत की छवि

1977 से 1979 तक विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने भारत की छवि विश्व पटल पर सशक्त की। संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देकर उन्होंने भारतीय संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाई।
प्रधानमंत्री रहते हुए 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण कर उन्होंने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र घोषित किया। कारगिल युद्ध में भारत की विजय ने उनकी नेतृत्व क्षमता को अमर कर दिया।

विकास और सुशासन के मार्गदर्शक

प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना जैसे कई ऐतिहासिक योजनाएँ लागू कीं। उनके नेतृत्व में सुशासन का सपना साकार हुआ।
गरीबों, किसानों और युवाओं के लिए शुरू की गई योजनाओं ने उनके ‘सबका साथ, सबका विकास’ दृष्टिकोण को स्पष्ट किया।

भाजपा और संगठन निर्माण में योगदान

वे केवल प्रधानमंत्री ही नहीं, बल्कि एक कुशल संगठक भी थे। भाजपा की नींव रखकर उसे राष्ट्रीय स्तर पर एक मज़बूत संगठन बनाया और करोड़ों कार्यकर्ताओं को देश सेवा के लिए प्रेरित किया।

क्या है निष्कर्ष

अटल बिहारी वाजपेयी जी का व्यक्तित्व बहुआयामी था—कवि, वक्ता, राजनेता, पत्रकार, संगठनकर्ता और राष्ट्रनायक। उनका जीवन और कार्य भारतीय राजनीति की धरोहर है। वे युगपुरुष थे और युगपुरुष रहेंगे।
उनकी वाणी, विचार और कार्य सदैव हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।

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