विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार
आज सुबह इस झकझोर देने वाली खबर से हुई कि ,गुरुदेव नीरन जी नहीं रहे।शुभाश्रम परिसर में मानस मर्मज्ञ अखिलेश शांण्डिल्य ने भावुक होकर कहा- भोजपुरी का ध्रुव तारा नहीं रहा!उनसे भोजपुरी की दिशा का ज्ञान होता था। भोजपुरी साहित्य के जाने-माने रचनाकार, समकालीन भोजपुरी, साहित्य पत्रिका के संपादक और शिक्षाविद् डॉ अरुणेश नीरन जी बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर के प्राचार्य रहे।उनका असमय जाना पूर्वांचल की साहित्यिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक धरातल पर एक अपूरणीय क्षति है ।
शिष्य परिकर से आने वाले पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय ने कहा कि गुरुवर उन दुर्लभ व्यक्तित्वों में से थे । जिनके बारे में कुछ भी कहते हुए शब्द कम पड़ जाते हैं।उनका स्नेहिल आशीर्वाद ,गहन विद्वता और सहज ,आत्मीयता हम सभी के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगी। आज मन बहुत अकेला हो गया है। भोजपुरी के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले योद्धा को हमने खो दिया है।ईश्वर एक बार और धराधाम पर भेजें कि भोजपुरी आठवीं अनुसूची में शामिल हो जाय।