जदयू के नेता ने सारण विकास मंच के संयोजक के द्वारा लगाए गए आरोपो को नकारा।

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वाल्मीकि नगर से अभिमन्यु गुप्ता की रिपोर्ट

सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र विधान पार्षद सह सरकारी आश्वासन समिति के अध्यक्ष प्रो. वीरेंद्र नारायण यादव के(एम.एल.सी) प्रतिनिधि योगेंद्र सिंह ने सीधा निशाना साधते हुए कहा कि सारण विकास मंच बनाकर केवल क्षत्रियों को एकजुट करने की बात कहकर मंच संयोजक भाई शैलेन्द्र प्रताप सिंह अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे है। क्षत्रियों का इतिहास रहा है,कि वे सर्वसमाज के लिए अपने क्षत्र छाया में आश्रय देते रहे है। इसलिए क्षत्रिए कहलाते है। भाई शैलेन्द्र क्षत्रिय समाज के विरासत को भूल गये है। और केवल क्षत्रिय की बात कर रहे है।उनका यह आरोप भी गलत है, कि एन.डी.ए. सरकार ने क्षत्रिए समाज के लिए कुछ नहीं किया। वे इस बात को भूल गये,कि करनी सेवा (क्षत्रियों की सेना) के मांग पर केन्द्र की मोदी सरकार ने भारत के संविधान को संशोधन कर आर्थिक रूप से कमजोर राजपूत ब्राहण भूमिहार एवं कायस्थ समाज के लोगो को 10% का ऐतिहासिक आरक्षण लागू किया है।

आज गरीब उच्च वर्ग के लोग केन्द्र एवं राज्य सरकार के नौकरियों में आसानी से जा रहे है। निचले स्तर पर बात करे तो सप्लाई विभाग में 10% आरक्षण जन वितरण दूकान, ग्राम कचहरी सचिव तथा पंचायती राज्य विभाग के अन्य पदों के लिये भी मिल रही है।सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधान पार्षद तथा सरकारी आश्वासन समिति के अध्यक्ष प्रो० विरेन्द्र नारायण यादव के प्रतिनिधि योगेन्द्र सिंह ने भाई शैलेन्द्र प्रताप सिंह के एन.डी.ए सरकार के संबंध में सभी आरोपो को खारिज कर दिया है। उनहोने अपील किया है,कि मनगढ़त एवं कपोल कल्पित आरोपों के बहकावे में क्षत्रिय समाज के लोग एवं सर्वण समाज के लोग न आवे अगर श्री सिंह को राजद में जाना है, तो वे स्वेच्छा से चले जाए। क्योंकि जनता लालू जी के 15 साल के आतंक राज को अभी भूली नही है। आने वाले दिनों में भी बिहार में एन.डी.ए की ही सरकार बनने जा रही है।

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