बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के दायरे में आयेंगे सभी पत्रकार, होगी पहल: प्रेम कुमार

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

पटना। बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना बिहार सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं में से एक है। इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा पत्रकारों को मिले इसकी पहल होगी। विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार ने मीडिया फॉर बॉर्डर हार्मोनी के शिष्यमंडल से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार बिहार में पत्रकारों को बीमा और पेंशन दे रही है। हर जिला स्तर पर प्रेस क्लब का निर्माण भी कराया गया है। शिष्टमंडल में शामिल पत्रकारों ने कहा कि वर्तमान में पेंशन योजना के नियम को थोड़ा शिथिल करने की जरूरत है। तभी बड़ी संख्या में ग्रामीण पत्रकारों को लाभ मिलेगा। उम्र सीमा 60 साल रहे। लेकिन अनुभव प्रमाण पत्र को लेकर जो प्रक्रिया है, उसके कारण बड़ी संख्या में पत्रकार योजना का लाभ नहीं ले रहे हैं। अनुभव प्रमाण के लिए अलग समिति बननी चाहिए। अनुभव प्रमाण पत्र के लिए जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाए। जिसमें जिलाधिकारी, जिला जनसंपर्क अधिकारी, स्थानीय सांसद, विधायक, विधान पार्षद को भी नामित किया जाए। यह समिति भी अनुभव प्रमाण पत्र दे। इसके साथ ही अनुभव के लिए 20 साल निर्धारित है, उसको 10 साल किया जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने इन मांगों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि वह अपने स्तर से पहल करेंगे और ज्यादा से ज्यादा वरीय पत्रकार इसके दायरे में आए। मीडिया फॉर बॉर्डर हार्मोनी बिहार सरकार के पिछड़ा अति पिछड़ा कल्याण वर्ग के मंत्री रमा निषाद के नेतृत्व में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार से मिलकर अपनी मांगों को रखा। शिष्टमंडल में विधायक बेबी कुमारी,वरीय पत्रकार अमरेंद्र तिवारी, बिहार मदरसा बोर्ड के पूर्व सदस्य प्रोफेसर शब्बीर अहमद, जदयू वरीय नेता सौरभ कुमार साहेब आदि शामिल रहे।

पत्रकार पेंशन योजना के दायरे में आए सभी पत्रकार इस पर होगा विचार
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार से मीडिया फॉर बॉर्डर हार्मोनी का शिष्ट मंडल मिला।
बिहार पत्रकार पेंशन योजना के बारे में 60 साल की उम्र वाले सभी पत्रकारों को शामिल किया जाएगा। इसके नियम को शिथिल करनें पर विचार किया जाएगा। वरीय पत्रकार अमरेन्द्र तिवारी ने कहा कि बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के तहत शत प्रतिशत लाभ ग्रामीण पत्रकारों को दिलाने के लिए पात्रता की अवधि 20 साल से घटाकर 10 साल करने और पीएफ कटौती व मान्यता वाली कार्ड की अनिवार्यता की जगह आवेदक के नाम से छपी पेपर का न्यूज का कतरन को भी अनुभव के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने बिहार में पत्रकारों के लिए दो महत्वपूर्ण योजना बिहार राज्य पत्रकार बीमा योजना और बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना दी है। पत्रकारों के लिए यह योजना देश का मॉडल है। इसके लिए हम पत्रकार आभारी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंशा है कि इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा पत्रकारों को मिले। यह तब संभव होगा जब पेंशन योजना के नियम में थोड़ा संशोधन हो जाए। अगर नियम में बदलाव हो तो योजना अधिक प्रभावी, समावेशी और पत्रकार हितैषी सिद्ध होगी।

यह रखी गई मांग::
—बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना का आवेदन शपथ पत्र के आधार पर स्वीकार करने की प्रक्रिया आरंभ की जाए (जैसे कि बिहार में बिहार राज्य पत्रकार बीमा योजना के लिए किया जा रहा है)।
— बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना में पात्रता की अवधि को 20 वर्षों से घटाकर 10 वर्ष किया जाए।
—बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना आयु सीमा 58 वर्ष निर्धारित की जाए।इस उम्र के हर पत्रकार को पेंशन दायरा में लाया जाए।
—-बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन लेने के लिए पत्रकार के नियुक्ति पत्र, वेतन पर्ची, बैंक स्टेटमेंट, पी.एफ. कटौती, मान्यता प्राप्त पत्रकार परिचय पत्र की जगह चुनाव या सरकारी कार्यक्रमों के कवरेज हेतु जारी परिचय पत्र व आवेदक के नाम से छपी पेपर का न्यूज कतरन को भी अनुभव के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाए।
—- जिला स्तर पर पत्रकारों के कार्य अनुभव सत्यापन के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन हो, जिसमें स्थानीय सांसद, विधायक एवं जिलाधिकारी एवं जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी को शामिल किया जाए।
—- ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत पत्रकारों के लिए सांसद, विधायक, विधानपार्षद एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा प्रमाणित अनुभव प्रमाण पत्र को भी वैध कागजात माना जाए।

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