बिहार के सिवान से पंकज सिंह की रिपोर्ट
सिवान जिले में महिला सशक्तिकरण को समर्पित एक महत्वपूर्ण पहल के तहत महावीर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, बरहन बाजार में शुक्रवार को ‘नारी शक्ति सम्मान समारोह’ का भव्य आयोजन किया गया। विद्यालय प्रबंधन और प्रधानाचार्य की अगुवाई में हुए इस कार्यक्रम में जिले एवं प्रमंडल स्तर के अनेक पदाधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा पत्रकार बड़ी संख्या में शामिल हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से की गई। इसके बाद विद्यालय के प्रिंसिपल ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए नारी शक्ति की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “महिला समाज की वास्तविक धुरी है। जिस समाज में महिलाओं को सम्मान मिलता है, वही समाज विकसित होता है। यह कार्यक्रम महिलाओं की प्रतिभा, साहस और योगदान को नमन करने का प्रयास है।”

इस अवसर पर जिला अध्यक्ष, जिला सचिव, प्रमंडल अध्यक्ष और प्रमंडल सचिव मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। अपने संबोधन में सभी अधिकारियों ने महिलाओं की ऐतिहासिक भूमिका और आधुनिक दौर में उनके बढ़ते प्रभाव पर विस्तृत चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि आज की भारतीय नारी हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है—चाहे वह शिक्षा हो, खेल हो, सेना हो या विज्ञान।

कार्यक्रम के दौरान मंच से कई प्रेरणादायक उदाहरण पेश किए गए। अधिकारियों ने कहा कि देश की बेटियाँ आज दुश्मनों को उसी दृढ़ता से जवाब दे रही हैं, जैसी कभी महान वीरांगनाओं ने दी थी। सोफिया कुरैशी और व्यंमिका सिंह जैसी बहादुर महिलाओं का उल्लेख करते हुए कहा गया कि उन्होंने अपने अदम्य साहस से देश के दुश्मनों को धूल चटा दी और भारतीय नारी की शक्ति को विश्व पटल पर स्थापित किया।
इसी क्रम में रानी लक्ष्मीबाई के अतुलनीय शौर्य का भी स्मरण किया गया। वक्ताओं ने कहा—“रानी लक्ष्मीबाई की वीरता सदियों तक भारतीय नारी के साहस का प्रतीक रहेगी। उन्होंने अंग्रेजों के सामने जिस तरह डटकर मुकाबला किया, वह हर महिला के लिए प्रेरणा है।”

कार्यक्रम की एक विशेषता यह रही कि इसमें उपस्थित सभी पत्रकारों को जिला अध्यक्ष एवं अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया। उन्हें सम्मान-पत्र और अंगवस्त्र देकर समाज में उनके योगदान को सराहा गया। अधिकारियों ने कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण होते हैं और उनके द्वारा किए गए कार्यों से ही समाज में जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन संभव होता है।

विद्यालय के बच्चों ने नारी सम्मान पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए, जिन्हें उपस्थित दर्शकों ने खूब सराहा। अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विद्यालय प्रिंसिपल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज को महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में यह समारोह और भी व्यापक रूप लेगा। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। पूरे आयोजन ने यह संदेश दिया कि नारी शक्ति सिर्फ़ सम्मान की पात्र नहीं, बल्कि समाज की निर्माता और देश की प्रगति की आधारशिला है।






