रमेश ठाकुर – रामनगर पश्चिम चंपारण
दिनांक:- 22-11-2025
जीविका बैंक (निधि) के माध्यम से लोन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया अब सुगम हो गई है। जल्द ही जीविका समूहों की महिलाओं को इसी बैंक के जरिये ऋण देना शुरू कर दिया जाएगा। राज्य स्तर पर बैंक का कार्यालय संचालित होने लगा है। राज्य स्वास्थ्य समिति परिसर में इसके लिए अलग से स्थान आवंटित किया गया है, जहां 12 अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। जीविका मुख्यालय में भी बैंक से जुड़े पदाधिकारी नियमित रूप से मौजूद रहेंगे।
जिला स्तर पर जीविका कार्यालयों में बैंक कर्मियों की तैनाती की जाएगी, जबकि प्रत्येक प्रखंड में एक-एक कर्मचारी काम संभालेंगे। जीविका सदस्यों को स्वरोजगार और व्यवसाय शुरू करने में आसानी हो, इसके लिए कुल 653 पदों की स्वीकृति पूर्व में प्रदान की गई थी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बावजूद विधानसभा चुनाव के चलते इसकी शुरुआत में थोड़ी देरी हुई। सरकार की ओर से बैंक को कुल एक हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई है, जिसमें से 155 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिए गए हैं।
जीविका दीदियों को बैंक के माध्यम से तीन श्रेणी के ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे — 15 हजार रुपये, 75 हजार रुपये और एक लाख रुपये के लोन की व्यवस्था की गई है।जीविका बैंक के संचालन को व्यवस्थित बनाने के लिए मुख्यालय स्तर पर दस कर्मियों की तैनाती की गई है। ये कर्मचारी बैंकिंग प्रक्रियाओं की निगरानी के साथ-साथ जिले और प्रखंड स्तर के कार्यों का समन्वय भी करेंगे।
सरकार ने कुछ माह पूर्व जीविका बैंक की स्थापना के प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी। मंजूरी मिलते ही ढांचे के निर्माण, पद सृजन और कार्यालय व्यवस्था जैसी प्रक्रियाएं तेजी से शुरू कर दी गई थीं, जिससे बैंक संचालन का आधार तैयार हो सका।
सर्व विदित है कि विगत दिनों में जीविका से जुड़ी महिलाओं को सरकार द्वारा 10-10 हजार रुपए मुहैया करा दिया गया।इधर खबर मिली है कि रामनगर नरकटियागंज क्षेत्रों में कुछ महिलाएं तथा पुरुष जो जीविका से जुड़े हुए है, घूम घूमकर ग्रामीण क्षेत्रों में “दो दो लाख रुपए सरकार द्वारा देने का आदेश आ गया है” ये कहकर फॉर्म भरने का काम शुरू कर दिए है। क्या सरकार के द्वारा 2-2 लाख देने का आदेश आ गया है ? जो फॉर्म भरने का काम ग्रामीण क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है,या महिलाओं को बरगलाया जा रहा है।इसपर शीघ्र ही अधिकारी लोगो को संज्ञान लेते हुए जीविका दीदियों के माध्यम से प्रचार प्रसार करना चाहिए,नहीं तो दलाल सरकार गठन होते ही शीघ्र प्रलोभन देने का काम शुरू कर चुके है।






