बाबु धाम ट्रस्ट की अध्यक्षा मंजूबाला पाठक एवं संस्थापक ए.पी. पाठक ने अपने मातृभूमि चंपारण में मनाया महापर्व छठ

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

पुर्व नौकरशाह एपी पाठक अपनी धर्मपत्नी मंजूबाला पाठक के साथ अपने मातृभूमि बड़गो में धूमधाम और पारंपरिक तरीकों से लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत मनाया। साथ हो दोनों ने छठ घाट पर भगवान भास्कर को अर्घ्य भी दिया।
संध्या अर्घ्य के समय पूरे वातावरण में भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला।


पाठक दंपति ने अस्त होते सूर्य और उदीयमान सुर्य को अर्घ्य अर्पित कर लोक परंपरा का निर्वाह किया, वहीं ए.पी. पाठक अपने चिरंजीवी पुत्र पुरंजय प्रकाश के साथ नंगे पैर छठ घाट तक चलकर पहुंचे और श्रद्धा-भक्ति के साथ सूर्य देव को प्रणाम किया।


अगली सुबह दोनों ने उदीयमान सूर्य को भी अर्घ्य अर्पित कर लोकआस्था के इस महान पर्व को पूर्ण विधि से संपन्न किया। इससे पुर्व उन्होंने अपने बाबु धाम ट्रस्ट के माध्यम से छठव्रतियों के बीच छठ पूजन सामग्री का वितरण किया।
मंजूबाला पाठक ने अपने हाथों से छठ प्रसाद ठेकुआ आदि को बड़े ही प्यार से बनाया और व्रत की हर परंपरा और रीति का निर्वहन किया।


विगत कई दशकों से पाठक दंपति अपने मातृभूमि चंपारण में ही छठ महापर्व को बड़े हर्ष, उल्लास और आस्था के साथ मनाते आ रहे हैं।
महानगरों में लंबे समय तक शीर्ष पदों पर कार्य करने के बावजूद उन्होंने अपनी संस्कृति, परंपरा और लोक आस्था से जुड़ाव कभी नहीं छोड़ा।


सेवा, संस्कार और संस्कृति से जुड़े पाठक दंपति आज भी जनमानस के हृदय में आस्था और प्रेरणा के प्रतीक बने हुए हैं। साथ ही पाठक दंपति ने चंपारण के लोगों को खुशहाली के लिए उन्हें शुभकामनाएं भी दिया।

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