वाल्मीकि नगर से नंदलाल पटेल की रिपोर्ट
आस्था का महापर्व छठ पूजा के लिए वाल्मीकि नगर में भारत नेपाल बॉर्डर स्थित संगम तट पर आस्था का जन सैलाब उमड़ता है। चार दिनों तक मनाएं जाने वाले इस पर्व का आयोजन भारत के साथ साथ नेपाल में भी एक साथ किया जाता है। वाल्मीकि नगर में भारत नेपाल बॉर्डर के मध्य बहने वाली गंडक नदी के दोनों किनारों पर हर साल भारत और नेपाल के श्रद्धालु बड़ी संख्या में एक साथ मिलकर लोक आस्था का महापर्व मनाते हैं। छठ पूजा के दिन यहां इसका विहंगम दृश्य देखने को मिलता है।

दोनों देशों के छठव्रती प्राचीन काल से हजारों की संख्या में गंडक नदी के दोनों किनारों पर अर्घ्य देते आ रहे हैं। उसमें मुख्य रूप से वाल्मीकि नगर के श्रद्धालुओं के साथ नेपाल के त्रिवेणी, टटिया खोला, गाइड बांध, रानीनगर, लक्ष्मीपुर,रैवा, पत्थरकला, कुडिया, आदि गांवों के छठव्रती इस नदी के तट पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं। वही बिहार व नेपाल के छठव्रती गंडक नदी घाट पर नियम निष्ठा से लोक आस्था का महापर्व मनाते हैं। गंडक नदी के उत्तरी तट पर नेपाल वासी तो दक्षिणी तट पर भारत के छठव्रती छठ पर्व मनाते हैं। दोनों देश के छठव्रती के एक साथ पर्व मनाने का विहंगम दृश्य देखने लायक होता है। दोनों देश के लोग मिलजुल कर एकसाथ मिलकर सूर्य की उपासना करते हैं।






