शिक्षक की नौकरी छोड़ जन सुराज से बनना चाहते थे विधायक, पर छोटी सी चूक से सपना टूटा

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

वाल्मिकीनगर के एक शिक्षक का राजनीति में कदम रखना सुर्खियां बन गया था, लेकिन बिहार विधानसभा पहुंचे के सफर का ये सपना नामांकन जांच की मेज पर ही समाप्त हो गया. जनता के बीच ‘ईमानदार उम्मीदवार’ की छवि बनाने निकले शिक्षक का यह ख्वाब अब सिर्फ अधूरी कहानी बनकर रह गया. दरअसल, पश्चिम चम्पारण के 9 विधानसभा क्षेत्रों में 25 प्रत्याशियों का नामांकन को निरस्त कर दिया गया है. इनमें वाल्मिकीनगर से जनसूराज प्रत्याशी दीर्घनारायण प्रसाद भी शामिल हैं जो शिक्षक की नौकरी छोड़कर विधायक बनने की राह पर चले थे. लेकिन, उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया. नामांकन जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण कॉलम अधूरे पाए गए जिसके चलते उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया. ऐसे में अब वाल्मिकीनगर में सियासी जंग एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच और भी रोचक हो चली है.नामांकन जांच के दौरान यह भी पाया गया कि दीर्घनारायण ने जो दो सेट दाखिल किए थे, उनमें कई कॉलम अधूरे थे. निर्वाचन नियमों के अनुसार, यदि किसी उम्मीदवार के दस्तावेज अपूर्ण या गलत हों तो नामांकन खारिज किया जा सकता है. इस तकनीकी गलती ने शिक्षक से जनसेवक बनने की उनकी राह रोक दी. जनसुराज का प्रत्याशी मैदान से बाहर होने के बाद मुकाबला और दिलचस्प हो गया है.

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