विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार
बेतिया। जिला जनसंपर्क कार्यालय परिसर में गुरुवार को आयोजित पत्रकारों की बैठक के बाद आपसी विवाद का मामला सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, बैठक समाप्त होने के बाद दो पत्रकारों के बीच किसी विषय को लेकर कहासुनी हो गई, जो देखते ही देखते विवाद का रूप ले लिया। मौके पर उपस्थित अन्य पत्रकारों ने दोनों पक्षों को शांत कराने का प्रयास किया और स्थिति को नियंत्रित किया। बताया जाता है कि यह बैठक जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी, जिसमें विभिन्न मीडिया संस्थानों से जुड़े पत्रकार शामिल हुए थे। घटना के बाद स्थानीय पत्रकार समाज में इसको लेकर नाराज़गी देखी जा रही है। कई पत्रकारों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं पत्रकारिता की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं और आपसी संवाद एवं सम्मान बनाए रखना सभी के लिए आवश्यक है। पत्रकार संगठनों ने अपील की है कि भविष्य में ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न न हों, इसके लिए आपसी समन्वय और शालीनता का पालन किया जाए। साथ ही, उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि पत्रकारों की बैठकों में अनुशासन और मर्यादा सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश तय किए जाएँ। मामले की जानकारी देते हुए पत्रकार आदित्य दुबे ने बताया कि हिंदुस्तान अखबार के पूर्व ब्यूरो चीफ रहे कथित पत्रकार विकास बिहारी ने पत्रकारों की बैठक के बाद अभद्र और असंयमित व्यवहार किया।
विकास बिहारी ने न केवल आपा खो दिया, बल्कि गाली-गलौज करते हुए शारीरिक रूप से आक्रामक होने की भी कोशिश की। उन्होंने आगे कहा कि इस घटना के बाद स्थानीय मीडिया जगत में भारी आक्रोश है। पत्रकारों ने विकास बिहारी के व्यवहार को पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों और गरिमा के विपरीत बताया है। उनका कहना है कि इस प्रकार का आचरण एक पत्रकार के नहीं, बल्कि सड़कछाप गलीबाज व्यक्ति का परिचायक है।जिसको लेकर पत्रकारों का मानना है कि ऐसे कथित पत्रकार न केवल मीडिया की विश्वसनीयता को आघात पहुंचाते हैं, बल्कि समाज में पत्रकारिता की छवि को धूमिल करते हैं। पत्रकारिता जैसे गरिमामय पेशे में इस तरह की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत चरित्र पतन का उदाहरण हैं, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की विश्वसनीयता को भी गहरी चोट पहुँचाती हैं। जो पत्रकारिता समाज का दर्पण मानी जाती है ऐसे में इस पेशे से जुड़े लोगों का आचरण हमेशा अनुकरणीय और मर्यादित रहना आवश्यक है।