विभागीय आदेश के बाद भी शिक्षकों को नही मिल सका वेतन, मायूसी

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25 सितम्बर से वेतन भुगतान सुनिश्चित करने हेतु वित्त विभाग के प्रधान सचिव का पत्र हुआ था निर्गत

सरकार शिक्षकों को सौगात दे तो शिक्षक सरकार का करेंगे सहयोग


बुधवार 01 अक्टूबर विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

दशहरा पर्व में शिक्षक अपने वेतन भुगतान की आस लगाए थे, बच्चे मेला देखने व खिलौना खरीदने की तैयारी में थे लेकिन विभाग में लेट लतीफ के कारण शिक्षकों का समय से वेतन भुगतान नही होने से परिवार में मायूसी है।
शिक्षकों को पर्व में पूजा पाठ, अन्य कार्य, लोन की किस्त चुकाने, दवा- इलाज आदि सहित एवं अपने बच्चों की खुशियाँ बरकरार रखने के लिए कर्ज लेने की विवशता है।
बिहार सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर द्वारा 19 सितम्बर को पत्र निर्गत कर दुर्गा पूजा के अवसर पर सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों के सितम्बर माह का भुगतान 25 सितम्बर से सुनिश्चित करने का निदेश था, बावजूद इसके शिक्षकों को 1 अक्टूबर तक भी वेतन भुगतान नही हो सका। इस संदर्भ में बात करने पर स्थानीय शिक्षक सुनिल कुमार ने बताया कि वें वेतन पर हीं निर्भर हैं। समय पर वेतन मिलने से सभी कार्य सुचारु होंगे।
तमाम सरकारी प्रयास के बावजूद भी शिक्षकों को समय से वेतन नही मिलने से उनके दैनिक, मासिक रूटीन प्रभावित हो जाते हैं जो चिंता का विषय है। इससे उनको काफी परेशानी भी होती है। हर बार सरकार का दावा होता है कि उन्हें प्रत्येक माह समय से भुगतान कर दिया जाएगा। कभी- कभी समय पर भुगतान हो भी जाता है लेकिन स्थायी व्यवस्था के तहत आवश्यक है। इसका एक कारण शिक्षकों के विभिन्न कोटि का होना भी है।

फिलहाल शिक्षकों के रुप में पुराने वेतनमान के नियमित शिक्षक, स्नातक शिक्षक (34540), बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षा उत्तीर्ण कर बहाल हुए बीपीएससी के TRE 01, 02, 03 में बहाल उच्च माध्यमिक विद्यालय, उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय तथा प्राथमिक विद्यालय, , (1-5, 6-8, 9-10 तथा 11-12) में कार्यरत विद्यालय आध्यापक, BPSC परीक्षा उत्तीर्ण प्रधान शिक्षक तथा उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक सहित पूर्व से कार्यरत TET स्नातक ग्रेड शिक्षक, नियोजित शिक्षक (सक्षमता परीक्षा नही दिए / अनुत्तीर्ण), विशिष्ट शिक्षक (सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण) कार्यरत हैं।

इन विद्यालय अध्यापक, प्रधान शिक्षक तथा प्रधानाध्यापक शिक्षकों में से कुछ शिक्षक 2003, 2005, 2007 से तथा अधिकांश शिक्षक पूर्व में TET परीक्षा उत्तीर्ण कर वर्ष 2013 से नियोजित शिक्षक के रुप में कार्यरत रहे हैं जो सेवा के आधार पर बहाल हुए हैं तथा सेवा निरंतरता एवं वेतन संरक्षण की माँग कर रहें हैं।

यदि सरकार इन शिक्षकों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर समस्याओं का निदान कर देती है तो शिक्षक काफी हद तक मानसिक रुप से तनाव मुक्त हो सकेंगे।
हालांकि एक कमिटी गठित की गई है जो शिक्षकों की वरियता, वेतन संरचना आदि एवं अन्य समस्याओं के निराकरण हेतु सुझाव देगी जिसकी पहली बैठक हो चुकी है अगली बैठक दस अक्टूबर को होना है।
BSTA गोपगुट पटना शिक्षक संघ का कहना है कि सरकार ने लगभग सभी विभाग के कर्मियों को चुनावी सीजन में सौगात दिया है सिर्फ शिक्षक हीं सरकार की कृपादृष्टि से अछूते बच गए हैं। बिहार के शिक्षक आशा भारी नजरों से सरकार की ओर टकटकी लगाए हैं। यदि सरकार हम शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन एवं सुविधा आदि देती है तो शिक्षक भी सरकार का सहयोग करेंगे।

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