गांधी आश्रम भितिहरवा की उपेक्षा पर उठे सवाल – अनिरुद्ध प्रसाद चौरसिया

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

बापू की कर्मभूमि, ऐतिहासिक गांधी आश्रम भितिहरवा (चंपारण, बिहार) आज भी उपेक्षा और पिछड़ेपन की मार झेल रहा है। इस धरती का महत्व केवल बिहार के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है, क्योंकि यहीं से महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन की नई राह निकली थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने यहां आकर राम-जानकी एवं शिव मंदिर परिसर से विकास की बातें जरूर कही थीं, परंतु आज तक उस पर अमल नहीं हो सका। आश्रम का क्षेत्र अब भी बदहाल है और विकास की राह खोज रहा है।

अनिरुद्ध प्रसाद चौरसिया का आरोप है कि यदि मुख्यमंत्री वास्तव में चाह लेते, तो इस ऐतिहासिक भूमि का कायाकल्प हो सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि “शुशासन बाबू” कहलाने वाले मुख्यमंत्री के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और गबन की घटनाएँ करोड़ों में सामने आ रही हैं, जिसकी चर्चा लगातार मीडिया में हो रही है। गांधी की तपोभूमि को जिस सम्मान और पहचान की आवश्यकता थी, वह अब तक नहीं मिल पाई है। ऐसे में स्थानीय लोग आक्रोशित हैं और पूछ रहे हैं कि आखिर कब इस पावन भूमि का वास्तविक विकास होगा।

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