गंडक नदी में बहकर आए बारहसिंघा हिरण का रेस्क्यू में देरी के कारण हुई मौत

0
150

वाल्मीकि नगर से नंदलाल पटेल की रिपोर्ट

भारत नेपाल सीमा से होकर बहने वाली गंडक नदी में बहकर आए बारहसींघा हिरन का रेस्क्यू में देरी के कारण मौत हो गईं है।
घटना वाल्मीकिनगर गंडक बराज़ के फाटक नंबर 5 की है। जहाँ रेस्क्यू करने मे हुई देरी से जीवित हिरन की नदी के पानी में तड़प कर मौत हो गईं। जिससे संसाधन विहीन वन विभाग की टीम औऱ उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहें हैं।
बताया जा रहा है की वाल्मीकिनगर गंडक बराज पर कण्ट्रोलरूम से सटे मुख्य त्रिहुत नहर के 5 नंबर फाटक में आकर विशाल हिरण फंसा था। हालांकि हिरण करीब 2 घंटे तक नदी के तेज़ बहाव वाले पानी में ही गंडक बराज के आसपास चक़्कर लगाते रहा । घटना क्रम का पूरा वीडियो फ़ोटो वायरल हो रहा है जो सिस्टम की नाकामी उजागर करने कों काफ़ी है लिहाजा समझा जा सकता है की किस तरह बारहसिंघा की नदी में तड़प तड़प कर मौत हो गईं।
इधर एसएसबी जवानों ने मोटर वोट के जरिये भरसक हिरण कों बचाने की कोशिश की लेकिन वनकर्मीयों के मौके पर देरी से पहुंचने औऱ खाली हाथ होनें के कारण समय रहते हिरण कों नहीं बचाया जा सका ज़ब तक हिरण का रेस्क्यू किया जाता तब तक तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी । अब शव नदी से बाहर निकालकर वन विभाग की टीम आगे की कार्रवाई में जुटी है।
वही बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व जंगल से भटककर बारह सिंघा प्रजाति का हिरण गंडक नदी के तेज़ बहाव में फंस कर बराज़ के समीप फाटक पर पहुंच गया था जो सफ़ल रेस्क्यू में हुई देरी के कारण अकाल मौत के गाल में समा गया ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here