प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का शुभारंभ।

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बिहार के 75 लाख महिलाओं को मिला 7500 करोड़ का लाभ।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम।

हर परिवार की एक महिला को मिलेगा रोजगार का अवसर।

माननीय प्रधानमंत्री ने श्रीमती रंजीता काजी दीदी से संवाद भी किया।

विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

बेतिया। महिला सशक्तीकरण और आत्मनिर्भर बिहार के लक्ष्य को साकार करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत बिहार राज्य की 75 लाख महिलाओं को प्रति लाभुक 10 हजार रुपये की दर से कुल 7500 करोड़ रुपये की राशि का अंतरण किया गया। पटना में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्य अतिथि रहे। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण स्थानीय ऑडिटोरियम में किया गया जहां माननीय प्रधानमंत्री ने श्रीमती रंजीता काजी दीदी से संवाद भी किया। पूरा ऑडिटोरियम मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के लाभुकों से भरा हुआ था।

इस अवसर पर माननीय सांसद, डॉ0 संजय जायसवाल, श्री सुनील कुमार, माननीय राज्यसभा सांसद, श्री सतीश चन्द्र दूबे, माननीय मंत्री, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग-सह-प्रभारी मंत्री, पश्चिम चम्पारण, श्री जनक राम, माननीया मंत्री पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, श्रीमती रेणु देवी, माननीय विधायक, श्री राम सिंह, श्री नारायण प्रसाद, अन्य माननीय जनप्रतिनिधिगण सहित जिला पदाधिकारी, श्री धर्मेन्द्र कुमार, उप विकास आयुक्त, श्री सुमित कुमार, निदेशक, डीआरडीए, श्री अरूण प्रकाश, जिला सूचना एवं जनसम्पर्क पदाधिकारी, श्री राकेश कुमार, डीपीएम, जीविका, श्री आर के निखिल तथा दो हजार से ज्यादा की संख्या में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की लाभुक उपस्थित थी।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का उद्देश्य हर परिवार की एक महिला को रोजगार के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करना है। लाभुकों को आगे अधिकतम 2 लाख रुपये तक का ऋण तथा प्रशिक्षण और विपणन सहयोग भी मिलेगा। सामुदायिक सहकारिता आधारित इस योजना से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और राज्य की अर्थव्यवस्था में उनकी भागीदारी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला को रोजगार शुरू करने के लिए सहयोग मिलेगा। आगे चलकर लाभुक महिलाओं को अधिकतम 2 लाख रुपये तक का सुलभ ऋण भी प्रदान किया जाएगा। सरकार ने महिलाओं के लिए प्रशिक्षण, उत्पादन, विपणन सहयोग और स्थानीय समूहों से जुड़ाव की भी व्यवस्था की है।

इस अवसर पर जिला पदाधिकारी, श्री धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि यह योजना महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को रोजगार मिलेगा और राज्य के आर्थिक विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का मुख्य लक्ष्य सभी परिवारों की एक महिला को उनकी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता देना है। इसके तहत आर्थिक सहायता के रूप में 10000 रु॰ की प्रारंभिक राशि दी जाएगी। महिलाओं द्वारा रोजगार शुरू करने के बाद आकलन कर 2 लाख रु0 तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाएगी। डीपीएम, जीविका द्वारा बताया गया कि पश्चिम चंपारण जिले में 2.77 लाख महिलाओं के खाते में राशि चली गई है और शहरी क्षेत्र में तकरीबन 45000 महिलाओं के खाते में राशि हस्तांतरित कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि जीविका के सभी 2717 ग्राम संगठनों और 57 संकुल कार्यालय में उक्त कार्यक्रम का।सीधा प्रसारण किया गया। इन आयोजनों बड़ी तादात में महिलाएँ जुड़ी रहीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रोजगार योजना से महिलायें काफ़ी ख़ुश है और आने वाले दिनों में महिलाओं उद्यमिता विकास और भी तेज होगा

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