वाल्मीकि नगर से नंदलाल पटेल की रिपोर्ट
गंडक नदी का जलस्तर मूसलाधार बारिश के बाद एक बार फिर से बढ़ने लगा है। मौसम विभाग द्वारा गंडक बराज नियंत्रण कक्ष से जारी रिपोर्ट के अनुसार गंडक नदी का जलस्तर 2 लाख क्यूसेक को फिर से पार कर सकता है। मूसलाधार बारिश एवं गंडक नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण गंडक नदी के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ खतरा फिर मंडराने लगा है। बाढ़ से सबसे अधिक दहशत कान्ही टोला, बीन टोली, झंडू टोला, एवं चकदहवा के लोगों में है, जो पूरी रात रतजगा करने पर मजबूर हो गए हैं। चार गांव के लगभग 2000 आबादी इस समय भय के माहौल में जीवन व्यतीत कर रहा है। नदी की कटाव और हजारों एकड़ भूमि में लगाए गए फसलों की बर्बादी किसानों को बर्बाद करके रख दिया है।वही थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत अंतर्गत आने वाला चार गांव चकदहवा, बीन टोली, कान्ही टोला एवं झंडू टोला का संपर्क बगहा वाल्मीकिनगर मुख्य मार्ग से टूट गया है। इसका मुख्य कारण इन गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली जर्जर सड़क है। जिससे होकर पैदल भी जाना मुश्किल हो गया है। बाढ़ प्रभावित गांवों के मुख्य तीन समस्याओं- बिजली, सड़क और पानी का आज तक निदान नहीं होने से ये लोग सरकारी तंत्र से खुश नही हैं।गंडक नदी के किनारे बसे चार गांवों में इस समय लोगों को संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा सताने लगा है। जगह-जगह जल जमाव के कारण मच्छरों का प्रकोप और विषैले कीड़े मकोड़े के काटने के डर से भय के माहौल में जी रहे हैं। सभी गांव के ग्रामीणों का कहना है कि अगर हमारे परिवार के लोग बीमार पड़ते हैं तो अस्पताल ले जाने के लिए रास्ता नहीं है। यहां नजदीक में कोई भी डॉक्टर नहीं है।