जिले भर में बेतिया पुलिस की बहादुरी की चर्चा, सम्मानित हुए डीएसपी विवेक दीप

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रमेश ठाकुर – बेतिया पश्चिम चंपारण
दिनांक:- 18-09-2025

पश्चिम चंपारण की धरती ने एक बार फिर बेतिया पुलिस की बहादुरी का गवाह बना। लौरिया थाना क्षेत्र से अपहृत पाँच वर्षीय मासूम को महज़ छह घंटे के भीतर सकुशल बरामद कर पुलिस ने अपनी तत्परता, निष्ठा और जज्बे का परिचय दिया। इस सफल अभियान के नायक रहे सदर डीएसपी विवेक दीप, जिनकी अगुवाई में गठित पुलिस टीम ने मिशन को अंजाम तक पहुँचाया।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक डॉ. शौर्य सुमन ने एक विशेष टीम का गठन किया और जांच की जिम्मेदारी डीएसपी विवेक दीप को सौंपी। टेक्निकल इनपुट के आधार पर जैसे-जैसे छानबीन आगे बढ़ी, यह स्पष्ट हुआ कि मासूम को गोरखपुर की ओर ले जाया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने रेल जीआरपीएफ और गोरखपुर पुलिस के वरीय अधिकारियों को अवगत कराया। सभी एजेंसियों के संयुक्त प्रयास से अपहृत बच्चा सकुशल बरामद कर लिया गया और आरोपी को गिरफ्तार कर महज़ छह घंटे में बेतिया पुलिस के हवाले कर दिया गया।

इस त्वरित और प्रभावशाली कार्रवाई ने न केवल पीड़ित परिवार को राहत दी बल्कि जिले की जनता का पुलिस पर डगमगाता विश्वास भी पुनः स्थापित किया। लंबे समय से यह कहा जा रहा था कि पुलिस पर जनता का भरोसा कम होता जा रहा है, लेकिन इस सफलता ने स्पष्ट कर दिया कि जब पुलिस इच्छाशक्ति और तकनीक का सही इस्तेमाल करे तो कोई भी अपराधी कानून से बच नहीं सकता।

इसी परिप्रेक्ष्य में बुधवार 17 सितंबर की शाम करीब 7 बजे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव ओमप्रकाश क्रांति ने सदर डीएसपी विवेक दीप का सार्वजनिक सम्मान किया। उन्होंने डीएसपी को सॉल्व उड़ाकर और पुष्प भेंट कर सम्मानित करते हुए कहा कि बेतिया पुलिस के इस साहसि कदम ने जिले का नाम रोशन किया है। एसपी डॉ. शौर्य सुमन और डीएसपी विवेक दीप ने जिस प्रकार कम समय में अपहरण की गुत्थी सुलझाई, वह पूरे पुलिस विभाग के लिए प्रेरणादायी है। जनता का पुलिस पर से उठता विश्वास इस कार्रवाई से फिर से मजबूत हुआ है। जितनी प्रशंसा की जाए, वह कम है।

इस सम्मान समारोह के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे और सभी ने पुलिस टीम के इस सफल अभियान की सराहना की। जनता के बीच यह संदेश गया कि अपराधी चाहे कितने ही चालाक क्यों न हों, पुलिस के सामने ज्यादा देर तक टिक नहीं सकते।

बेतिया पुलिस की यह उपलब्धि न केवल एक परिवार को संजीवनी देने वाली है बल्कि जिले की कानून व्यवस्था पर उठते सवालों का भी सटीक जवाब है। अपहृत मासूम का छह घंटे में सकुशल मिलना इस बात का सबूत है कि पुलिस अगर ठान ले तो असंभव को भी संभव कर सकती है।

डीएसपी विवेक दीप ने अपने साहस, तेज निर्णय और समर्पण से साबित कर दिया कि जज्बे और इच्छाशक्ति के सामने कोई भी अपराधी बच नहीं सकता।

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