पुरानी नाव से नदी पार करने को मजबूर है ग्रामीण और छात्र।
जान जोखिम में डालकर सरिसवा बाजार आते हैं ग्रामीण।
अनिल कुमार शर्मा मझौलिया पश्चिम चंपारण, बिहार
सिकटा प्रखंड के गोपालपुर थाना क्षेत्र स्थित कदंबवा घाट सतगडही महेशडा सोनबरसा खाप टोला जगन्नाथपुर आदि गांव के सैकड़ो ग्रामीण छात्र दही विक्रेता प्रतिदिन एक पुरानी नाव से नदी पार करते हैं और सरिसवा में बाजार करने आते हैं विद्यालयों में पढ़ने आते हैं तथा दही बेचने वाले दही बेचने आते हैं। और तो और भारी संख्या में इधर की महिलाएं मवेशी के लिए चारा लेने प्रतिदिन आती जाती है। सरफुन नेता हदीस अंसारी इब्राहिम मियां उस्मान दीवान आमना खातून अफसाना खातून गुड़िया बेगम खलील अंसारी बलाल अहमद सलमान आलम वजीर आलम हैदर अली आदि ने बताया कि पुल के अभाव में जान जोखिम में डालकर प्रतिदिन आवा गमन करते हैं। बाढ़ के समय स्थिति और विकराल हो जाती है। विद्यालय जाते समय बच्चे प्राय घटना के शिकार हो जाते हैं। जब तक बच्चे पढ़कर घर वापस नहीं आते हैं तब तक माता-पिता की जान हथेली पर रहती है। बताते चले की मझौलिया प्रखंड और सिकटा प्रखंड को जोड़ने के लिए महेशडा पुल का निर्माण कराया गया है जो इन क्षेत्रों के ग्रामीणों के लिए काफी दूर पड़ता है जिसके कारण बाध्य होकर ग्रामीण छात्र मजदूर महिलाएं दूध दही विक्रेता पुरानी नव से ही नदी पार करते हैं। ग्रामीणों ने दोनों क्षेत्रों के विधायक और सांसद से कदमवा घाट पर पुल बनाने की मांग की है।