गोपालगंज बिहार से सुदीश श्रीवास्तव की रिपोर्ट
मांझागढ़/गोपालगंज। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत मांझा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चार वैक्सीन कोरियर कर्मियों की तीन माह से श्रमिक मजदूरी का भुगतान नहीं होने से वे भारी परेशानी झेल रहे हैं। जून 2025 से अगस्त 2025 तक की मजदूरी बकाया है, जबकि अन्य प्रखंडों में जून 2025 तक का भुगतान किया जा चुका है।
इस संबंध में पूछे जाने पर मांझा सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. तारिक इब्राहिम ने बताया कि “राशि उपलब्ध नहीं रहने के कारण भुगतान अटका है। डिमांड भेजी गई है, जैसे ही राशि उपलब्ध होगी, भुगतान कर दिया जाएगा।”
वहीं, कोरियर कर्मियों का कहना है कि सरकार द्वारा प्रति वैक्सीन कैरियर पर 110 रुपये की दर से भुगतान किया जाता है। एक वैक्सीन कोरियर को माइक्रो प्लान के तहत प्रतिदिन दो कैरियर ढोना पड़ता है। इसमें 210 रुपये की मजदूरी बनती है, लेकिन लगभग 200 रुपये पेट्रोल पर खर्च हो जाते हैं। महंगाई के दौर में प्रतिदिन महज 20 रुपये बचना उनके लिए बंधुआ मजदूरी जैसा है।
कर्मियों ने बताया कि महीने में करीब 24 दिन कार्य कराया जाता है। ग्रीन चैनल का भी काम उन्हीं से लिया जाता है। औसतन एक वैक्सीन कोरियर को महीने में लगभग 6 हजार रुपये मजदूरी मिलती है, वह भी तीन-तीन महीने बाद। समय पर भुगतान न होने से उनके सामने घर चलाना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार उन्हें न तो वास्तविक मजदूरी दे रही है और न ही सरकारी कर्मी का दर्जा। त्योहारों और विपरीत मौसम में भी उन्हें अवकाश नहीं दिया जाता। बरसात से बचाव के लिए बरसाती तक मुहैया नहीं कराया जाता, जबकि अन्य सरकारी कर्मचारियों को सभी सुविधाएं मिलती हैं।
कर्मियों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें न्यूनतम मजदूरी के अनुरूप मानदेय दिया जाए, धूप और बारिश से बचाव की सुविधा उपलब्ध कराई जाए तथा 65 वर्ष की उम्र में सेवा निवृत्ति पर पेंशन और रिटायरमेंट लाभ दिया जाए। साथ ही दुर्भाग्यवश दुर्घटना में मृत्यु होने पर आश्रित को 5 लाख रुपये मुआवजा देने की व्यवस्था की जानी चाहिए।