विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार
बेतिया (पश्चिमी चंपारण)। बिहार राज्य एंबुलेंस कर्मचारी संघ के राज्यव्यापी आह्वान पर पश्चिमी चंपारण जिले के सभी अस्पतालों में कार्यरत एंबुलेंस ड्राइवर और ईएमटी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल से जिले सहित पूरे बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने लगी है।
कम वेतन और लंबे घंटे
जिला अध्यक्ष सुनील राम ने सिविल सर्जन कार्यालय में धरना को संबोधित करते हुए कहा कि “भयंकर महंगाई के दौर में एंबुलेंस कर्मचारियों को मात्र 11,500 रुपये में 12 घंटे से अधिक काम करना पड़ रहा है। परिवार का इलाज तक नहीं हो पा रहा है, बच्चों की पढ़ाई रुक गई है। ऊपर से झूठे आरोप और गाड़ी खराब होने पर मजदूरी काटने जैसी तानाशाही झेलनी पड़ती है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि जब तक एंबुलेंस संचालन जिला स्वास्थ्य समिति के अधीन था, तब तक स्थिति बेहतर थी, लेकिन निजी कंपनी को ठेका देने के बाद कर्मचारियों का शोषण बढ़ गया है।
न्यूनतम मजदूरी का उल्लंघन
संघ के जिला प्रभारी (एटक) ओमप्रकाश ने कहा कि कंपनी खुलेआम सरकार के न्यूनतम मजदूरी कानून का उल्लंघन कर रही है। “कुशल श्रमिकों को कम से कम 19,000 रुपये मिलने चाहिए, लेकिन मात्र 11,500 दिया जा रहा है। नौकरी में स्थायित्व नहीं है और सेवा निवृत्ति की उम्र सीमा भी 60 से घटाकर 58 कर दी गई है।”
धरना और चेतावनी
धरना के पहले दिन सभी एंबुलेंस कर्मचारियों ने अपनी गाड़ियां जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय में खड़ी कर वहीं धरना दिया। मौके पर आदर्श मणि, संजीत सिन्हा, संदीप यादव समेत कई नेताओं ने आंदोलन का नेतृत्व किया।
धरना में प्रमुख नारे गूंजते रहे — “कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारी का दर्जा दो”, “न्यूनतम मजदूरी कानून की गारंटी करो”, “सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 करो”।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने कंपनी और संघ के बीच त्रिपक्षीय वार्ता कर उनकी मांगें पूरी नहीं कीं तो आंदोलन और उग्र होगा। साथ ही अन्य मजदूर संगठन भी समर्थन में सड़कों पर उतरेंगे।