बगहा अनुमंडलीय अस्पताल की लापरवाही का वीडियो वायरल, बुखार में बच्चों को लगा दिया कुत्ता काटने का इंजेक्शन।

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिमी चंपारण, बिहार

बगहा अनुमंडलीय अस्पताल की लापरवाही ने एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। जिसमें अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक और कर्मियों की लापरवाही का ताजा मामला प्रकाश में आया है बता दे की नगर थाना क्षेत्र के पिपरिया निवासी संजय चौधरी अपने 6 वर्षीय पोते सौरभ कुमार को बुखार की शिकायत पर इलाज कराने अस्पताल पहुंचे थे जिस क्रम में बच्चों को 104 डिग्री बुखार था। जिसका जीता जाता उदाहरण
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि वीडियो की पुष्टि हमारा vyn time  नहीं करता है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बुखार से जूझ रहे एक बच्चे को इलाज के नाम पर डॉक्टरों ने रेबीज (कुत्ते के काटने पर लगने वाला) इंजेक्शन लगा दिया। रोस्टर के अनुसार उस समय अस्पताल में डॉक्टर अरुण कुमार की ड्यूटी तैनाती लेकिन वह पोस्टमार्टम के लिए गए हुए थे उनकी अनुपस्थिति में ओपीडी में डॉक्टर रामप्रवेश भारती मरीज देख रहे थे सौरभ के परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने पर्ची पर गलती से रेबीज इंजेक्शन लिख दिया पर्ची लेकर जब वह दावा भंडार कच्छ में पहुंचे तो कर्मियों ने बच्चों को एंटी रेबीज वैक्सीन का इंजेक्शन लगा दिया।

इसके बाद जब दवा कर्मियों ने अगला डोज 1 सितंबर को लेने की बात कही तो परिजन दंग रह गए संजय चौधरी ने आपत्ति जताई कि उनके पोते को कुत्ते ने नहीं काटा है यह तो केवल बुखार से पीड़ित है इसी बीच बच्चों को नहला कर बुखार की दवा दी गई परिजनों ने जब पर्ची की मांग की तो शुरुआत में उन्हें टालमटोल किया गया बाद में विरोध के बाद पर्ची दी गई। उक्त घटना के मामले की शिकायत प्रभारी उपाधीक्षक डॉक्टर अशोक कुमार तिवारी से की गई उन्होंने परिजनों को समझाया कि इंजेक्शन लग जाने से बच्चे को कोई नुकसान नहीं होगा बेहतर होगा कि वह इत्मीनान से घर जाएं और बच्चे को बुखार की दवा दें। फिलहाल इस पूरेप्रकरण ने अस्पताल के कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं नगर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी इस घटना की चर्चा खूब हो रही है लोग कह रहे हैं कि यदि अस्पताल में इतनी बड़ी गलती हो सकती है तो सामान्य मरीज खुद को कैसे सुरक्षित समझे इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग अब तक कुछ भी बोलने से चुप्पी साधे हुए हैं।यह मामला सामने आने के बाद क्षेत्र के लोग गुस्से में हैं और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप जड़ रहे हैं।

परिजनों का आरोप – “जिंदगी से खिलवाड़ किया गया”

मरीज के परिजनों का कहना है,
“हमें उम्मीद थी कि सरकारी अस्पताल में जाकर सही इलाज मिलेगा, लेकिन यहां तो बुखार में भी रेबीज का इंजेक्शन लगा दिया गया। यह तो सीधी-सीधी मरीज की जिंदगी से खिलवाड़ है। अगर समय रहते ध्यान न देते तो मरीज की हालत और बिगड़ सकती थी।”

लोगों का गुस्सा, बोली जनता

घटना के बाद इलाके के लोग भड़क गए। स्थानीय ग्रामीणों ने कहा—”ये डॉक्टर हैं या खिलवाड़ करने वाले लोग? जिन्हें साधारण बुखार का इलाज करना नहीं आता, उनसे मरीजों की जान सुरक्षित कैसे रहेगी? गरीब लोग मजबूरी में सरकारी अस्पताल आते हैं और यहां उन्हें मौत के मुंह में धकेला जा रहा है।”

सोशल मीडिया पर हंगामा

वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कोई डॉक्टरों को ‘कसाई’ कह रहा है तो कोई अस्पताल को ‘मौत का अड्डा’। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

स्वास्थ्य विभाग हरकत में

मामला तूल पकड़ता देख सिविल सर्जन ने सफाई दी है। उन्होंने कहा—”वीडियो की जांच कराई जा रही है। यदि चिकित्सकों की गलती पाई जाती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा।”

इलाके में आक्रोश

इस घटना ने पूरे बगहा इलाके में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। लोग स्वास्थ्य विभाग से तत्काल और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर अब भी जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह सिलसिला कभी खत्म नहीं होगा।स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन जमीनी हकीकत सामने आने पर स्थिति अलग ही कहानी बयां करती है।
क्या सचमुच आम आदमी की जिंदगी की कोई कीमत नहीं। क्या गरीब मरीज सिर्फ प्रयोग की वस्तु बन गए हैं इन सवालों ने पूरे प्रशासनिक तंत्र को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

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