आधी रात को मसीहा बने डॉक्टर, मौत की मुंह से लौट आया भोला।

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

शिवगंज चौक निवासी भोला शर्मा, जिसकी उम्र लगभग 30 वर्ष बताई जाती है, बीते दिनों एक सड़क हादसे का शिकार हो गया। ठोरी से घर लौटते समय रास्ते में उसकी मोटरसाइकिल की जोरदार टक्कर एक ट्रैक्टर से हो गई। हादसा इतना भयानक था कि मौके पर मौजूद लोगों के दिल दहल उठे। राहगीरों और पुलिस की मदद से भोला को पहले नरकटियागंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। वहाँ से गंभीर स्थिति देखते हुए उसे बेतिया और फिर गोरखपुर रेफर कर दिया गया। गोरखपुर के चिकित्सकों ने परिजनों को बताया कि इलाज में लाखों रुपये लगेंगे और बचने की संभावना बेहद कम है। पैसों के अभाव और डॉक्टरों की निराशाजनक बातों से टूटे परिजन आधी रात को भोला को घर ले आए।

इसी बीच, शिवगंज चौक स्थित इंडियाना अस्पताल के डॉक्टर मोहसिन इस्लाम को यह जानकारी मिली। उन्होंने तत्काल अपने सहयोगी डॉक्टर प्रथम कुमार से संपर्क किया और मरीज को अस्पताल बुलवाया। डॉक्टर इस्लाम ने पेशे से ऊपर उठकर मानवता को प्राथमिकता दी।भोला को भर्ती कर गंभीर अवस्था में उसका इलाज शुरू किया गया। माथे पर गहरे घाव, फटा हुआ लीवर, टूटे हाथ-पाँव और अंदरूनी चोटों के बावजूद डॉक्टर मोहसिन इस्लाम, डॉक्टर आकाश, डॉक्टर स्वप्निल और एनेस्थीसिया टीम ने कई घंटे तक चले ऑपरेशन में पूरा प्रयास किया।

आखिरकार, प्रयास रंग लाया और भोला की धड़कनें स्थिर हो गईं। आज वह पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने परिवार के साथ जीवन बिता रहा है। महज 30 हज़ार रुपये में यह जीवनरक्षक इलाज संभव हुआ, जबकि अन्य अस्पतालों में लाखों रुपये की माँग की गई थी। गौरतलब है कि डॉ. मोहसिन इस्लाम दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल और पटना के IGIMS जैसे बड़े संस्थानों में सेवाएं दे चुके हैं। बेहतर वेतन और सुविधाएँ छोड़कर उन्होंने अपने गृह क्षेत्र नरकटियागंज में सेवा करने का संकल्प लिया।भोला की घटना ने यह साबित कर दिया कि आज भी ऐसे डॉक्टर मौजूद हैं जो सचमुच भगवान का रूप बनकर ज़िंदगी बचाते हैं।

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