रमेश ठाकुर – पश्चिम चंपारण,बिहार
दिनांक:- 23-08-2025
लखीसराय जिले की पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 50 लाख रुपये की ठगी और यौन शोषण मामले में फरार चल रहे शिक्षक अबोध कुमार को धर दबोचा। आरोपी को सूर्यगढ़ा थाना पुलिस ने शुक्रवार को गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया। मामले में आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
मामला उत्क्रमित उच्च विद्यालय लोशधानी, पीरी बाजार के शिक्षक अबोध कुमार से जुड़ा है। काजीटोला निवासी मिठु तांती का बेटा और नगर परिषद के चकमसकन मोहल्ले का रहने वाला अबोध कुमार पर एक शिक्षिका ने 50 लाख रुपये की ठगी और यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया है।
पीड़िता, जो मूल रूप से जमालपुर की रहने वाली हैं, ने बताया कि विद्यालय में पढ़ाने के दौरान उनकी जान-पहचान अबोध कुमार से हुई। आरोपी ने उन्हें जमीन और घर दिलाने का झांसा दिया और पहले 10 लाख रुपये नकद, चेक व ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए ले लिए। इसके बाद बैंक से लोन दिलाने के नाम पर और 40 लाख रुपये हड़प लिए। इस तरह कुल 50 लाख रुपये की राशि आरोपी के पास चली गई, लेकिन न तो जमीन दिलाई गई और न ही घर।
पीड़िता का आरोप है कि पैसे की वापसी के लिए जब वह बार-बार कहतीं, तो अबोध कुमार बहाने से उन्हें सूर्यगढ़ा बुलाता और जबरन शारीरिक संबंध बनाता। आरोपी ने वीडियो और मैसेज वायरल करने की धमकी देकर उन्हें चुप रहने को मजबूर किया। इतना ही नहीं, विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई।
पीड़िता ने यह भी खुलासा किया कि आरोपी ने उन्हें भारतीय स्टेट बैंक, मुंगेर से 95 लाख रुपये का लोन दिलाने के लिए जबरन गारंटर बनाया। विरोध करने पर आरोपी ने मां-बेटे दोनों को जान से मरवाने की धमकी दी।
जांच में सामने आया है कि अबोध कुमार का यह अपराध केवल एक पीड़िता तक सीमित नहीं है। उसने कई शिक्षकों को अपने जाल में फंसाकर भारी-भरकम रकम वसूली है और अपने नाम पर जमीन-जायदाद खरीदकर अकूत संपत्ति अर्जित की है।
पीड़िता की शिकायत पर सूर्यगढ़ा थाना में कांड संख्या 223/25 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। थानाध्यक्ष भगवान राम के निर्देश पर अपर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने विशेष टीम गठित कर आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि इस मामले में और भी पीड़ित सामने आ सकते हैं।
लखीसराय पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। लोग अबोध कुमार के गिरोह और उसकी काली करतूतों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं।
इस मामले में सबसे खास बात ये है कि एसपी, डीआईजी के आदेश के बाद भी F.I.R दर्ज नहीं हुआ था।जब इस मामले में बिहार पुलिस के महानिदेशक विनय कुमार ने संज्ञान लिया तब जाकर प्राथमिकी दर्ज हुई थी।