रमेश ठाकुर – पश्चिम चंपारण,बिहार
दिनांक:- 20-08-2025
भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्री पाखी हेगड़े इन दिनों राजनीति गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। सोमवार को उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी से औपचारिक मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि पाखी हेगड़े भाजपा का दामन थाम सकती हैं।भोजपुरी फिल्मों की सुपरस्टार पाखी हेगड़े न केवल पर्दे पर बल्कि समाज सेवा के कार्यों में भी सक्रिय रहती हैं। चुनावी प्रचार में उनकी मौजूदगी पहले भी कई बार देखी जा चुकी है। अब जब बिहार चुनाव करीब है, तो उनके राजनीति में कदम रखने की अटकलें जोर पकड़ने लगी हैं।
पाखी हेगड़े ने मुलाकात की तस्वीर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा—
“आज भगवान बुद्ध की धरती, पटना, जो मेरी कर्मभूमि भी है, सौभाग्य से भारतीय जनता पार्टी, बिहार प्रदेश के चाणक्य, बिहार के उपमुख्यमंत्री, कुशल राजनीतिज्ञ, संगठन शिल्पकारी, मृदुभाषी, आदरणीय अभिभावक, श्री सम्राट चौधरी जी से मिलकर आशीर्वाद लिया। उनका मार्गदर्शन मिला।”
उन्होंने आगे लिखा—
“सम्राट जी के नेतृत्व में हमारा बिहार और हमारे बिहार की माताएं, बहनें और युवा भाइयो का भविष्य बहुत सुरक्षित हाथों में नजर आता है। ‘सबका साथ, सबका विकास’ जैसी उनकी नीतियों से मैं बहुत प्रभावित हूँ।” इस पोस्ट के सामने आते ही सोशल मीडिया पर हलचल मच गई। फैंस ने सवाल उठाना शुरू कर दिया कि क्या पाखी हेगड़े जल्द ही भाजपा में शामिल होने वाली हैं। हालांकि अभिनेत्री की ओर से अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। भोजपुरी इंडस्ट्री के कई बड़े नाम भाजपा से जुड़े हुए हैं। सांसद रवि किशन, मनोज तिवारी और दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ पहले से ही पार्टी में सक्रिय हैं। ऐसे में पाखी हेगड़े जैसी चर्चित अभिनेत्री का राजनीति में आना भाजपा के लिए बड़ा लाभ साबित हो सकता है।
गौरतलब है कि पाखी हेगड़े ने भोजपुरी सिनेमा में सिल्वर जुबली ब्लॉकबस्टर ‘निरहुआ रिक्शावाला’ से एंट्री की थी। उसके बाद से उन्होंने अनगिनत सुपरहिट फिल्में दीं। भोजपुरी के अलावा उन्होंने हिंदी, गुजराती, मराठी और साउथ की फिल्मों में भी अभिनय किया है। वे एक दशक से अधिक समय से अभिनय जगत में सक्रिय हैं और अपनी सादगी व समाज सेवा के कारण भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। यदि आगामी चुनाव से पहले उनका भाजपा में शामिल होना तय हो जाता है, तो यह बिहार की राजनीति में एक बड़ा टर्निंग प्वॉइंट साबित हो सकता है।