डॉक्टरों की लापरवाही से गई नवजात की जान, सड़क पर हुआ प्रसव

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रामपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना अनसुना ठिकाना, ठेले पर प्रसव कराते रहे परिजन, डॉक्टर-नर्स पर लगे गंभीर आरोप

उत्तर प्रदेश से अमित कुमार शर्मा की रिपोर्ट

रामपुर (जौनपुर)। जिले के रामपुर क्षेत्र से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है जिसने सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। ग्राम कोटिगांव गैयापुर निवासी चंदा बनवासी पत्नी मुकेश बनवासी को प्रसव पीड़ा होने पर जब परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर लेकर पहुंचे, तो डॉक्टरों और स्टाफ की लापरवाही के कारण इलाज न मिलने से सड़क पर ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन दुर्भाग्यवश नवजात की मौत हो गई।


चार दिन तक लगाते रहे चक्कर, नहीं मिला दाखिला


बनवासी परिवार का आरोप है कि वे बीते चार दिनों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चक्कर काट रहे थे। परिजनों ने बताया कि डॉक्टर और स्टाफ ने उन्हें इलाज देने से मना कर दिया और कहा, “यहां सुविधा नहीं है, जाओ प्राइवेट अस्पताल जाओ।” इस दौरान न तो भर्ती किया गया, न ही कोई प्राथमिक उपचार मिला।

31 जुलाई को जब महिला की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई, तो परिजन फिर से महिला को लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, लेकिन आरोप है कि वहां तैनात नर्स मंजू देवी ने उन्हें डांटकर भगा दिया। मजबूर होकर परिजनों ने महिला को ठेले पर लिटाया और इलाज के लिए इधर-उधर दौड़ते रहे, पर कोई मदद नहीं मिली। अंततः न्यू कैरियर स्कूल के पास, सड़क किनारे ही महिला का प्रसव हो गया। प्रसव के दौरान महिला दर्द से तड़पती रही, पर किसी डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी ने सुध नहीं ली। जब तक सहायता मिलती, नवजात की मृत्यु हो चुकी थी।

वीडियो वायरल, स्वास्थ्य विभाग हरकत में
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लक्ष्मी सिंह ने गंभीरता से संज्ञान लिया। उन्होंने बताया कि प्राथमिक जानकारी के अनुसार चंदा बनवासी को स्टाफ नर्स ने भर्ती करने से मना कर दिया और वह ठेले पर ही प्रसव के लिए मजबूर हो गईं। उन्होंने तत्काल जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी है, जिससे तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब की गई है।

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