रमेश ठाकुर – पश्चिम चंपारण,बिहार
दिनांक:- 31- 07-2025
गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में बिहार द्वारा संचालित सतत जीविकोपार्जन योजना (एसजेवाई) की सफलता अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान बना रही है। इसी क्रम में श्रीलंका सरकार एवं एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बिहार का दौरा कर इस योजना के कार्यान्वयन का अध्ययन किया।
इस अवसर पर पटना स्थित सचिवालय भवन में एक डिब्रीफिंग सत्र का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता जीविका की अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्रीमती अभिलाषा कुमारी शर्मा ने की। उन्होंने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत की। जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री हिमांशु शर्मा ने सतत जीविकोपार्जन योजना के उद्देश्यों और इसके तहत हो रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।

प्रतिनिधिमंडल ने गया जिले का दौरा कर इस योजना से लाभान्वित परिवारों की आजीविका गतिविधियों का अवलोकन किया। श्रीलंका सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव श्रीमती एच.टी.आर.एन. पियासेन ने योजना के ज़मीनी असर की सराहना करते हुए अपने अनुभव साझा किए और कहा कि बिहार से मिली सीख श्रीलंका में गरीबी के मुद्दों से निपटने में सहायक होगी।
ग्रामीण विकास विभाग, बिहार के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि यह योजना लाखों गरीब परिवारों के जीवन में बदलाव ला चुकी है। यह गर्व की बात है कि मित्र राष्ट्र श्रीलंका बिहार के इस मॉडल को अपनाने की दिशा में रुचि दिखा रहा है।
बिहार के विकास आयुक्त श्री प्रत्यय अमृत ने बताया कि जीविका का मॉडल महिलाओं की सामूहिक शक्ति, पारदर्शिता और सहभागिता पर आधारित है और यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और विकासात्मक सेतु का कार्य कर सकता है।

मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने बताया कि वर्ष 2018 में शुरू की गई इस योजना के माध्यम से अब तक 2.1 लाख परिवारों को गरीबी के चक्र से बाहर निकालने में सफलता मिली है। उन्होंने हाल ही में ‘जीविका निधि’ नामक सहकारी संघ के गठन की जानकारी भी साझा की, जो स्वयं सहायता समूहों की आर्थिक सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम के अंत में जीविका के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री राजेश कुमार ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि जैसे बुद्ध भारत और श्रीलंका को जोड़ते हैं, वैसे ही यह योजना भी दोनों देशों को गरीबी से लड़ने में एकजुट करेगी।
गौरतलब है कि इमर्शन एंड लर्निंग एक्सचेंज (ILE) कार्यक्रम को जीविका, BRAC इंटरनेशनल और बंधन कोन्नगर के सहयोग से चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत भारत के अलावा इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका और इथियोपिया के प्रतिनिधि भी बिहार आकर इस योजना से जुड़ी प्रक्रियाएं सीख चुके हैं।