विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

बिहार राज्य में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के तमाम सरकारी दावों को एक बार फिर करारा झटका लगा है। बगहा अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत गंडक पार मधुबनी प्रखंड के अंचलाधिकारी (सीओ) के गाड़ी चालक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक किसान से भूमि बंदोबस्ती के नाम पर रिश्वत लेते हुए दिखाई दे रहा है। वीडियो में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि चालक दौनहा गांव के एक किसान से पैसे ले रहा है और अपने निजी आवास पर खुलेआम नोट गिन रहा है। विडंबना यह है कि वहीं उसके आवास के सामने सरकारी वाहन खड़ा दिख रहा है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि सरकारी पद और संसाधनों का दुरुपयोग किस हद तक हो रहा है। वीडियो में किसान यह कहते सुना जा सकता है कि वह अपनी जमीन बंधक रखकर पैसे दे रहा है, वहीं चालक उसे धमकी देता नजर आ रहा है कि जब वह उसका काम कर रहा है तो वह किसी पूर्व मुखिया से इस विषय पर क्यों चर्चा कर रहा है। इस तरह की भाषा और दबाव में किया जा रहा लेन-देन सरकारी व्यवस्था की सड़न को उजागर करता है।इस मामले पर जब अंचलाधिकारी नंदलाल राम से फोन पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार करते हुए फोन काट दिया। उनका यह रवैया भी इस पूरे मामले को संदिग्ध बना देता है। हालांकि VYN TIME इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन यदि यह वीडियो सत्य साबित होता है तो यह बिहार सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन के दावे को मुँह चिढ़ाता है।

प्रशासनिक चुप्पी, राजनीतिक संरक्षण?
इस पूरे मामले में सबसे चिंताजनक बात यह है कि न तो प्रशासन इस पर कोई ठोस जवाब दे रहा है और न ही अभी तक किसी प्रकार की जांच की घोषणा की गई है। इससे साफ प्रतीत होता है कि या तो ऐसे मामलों को दबाने की कोशिश हो रही है या फिर भ्रष्टाचार अब इतनी गहराई तक जड़ें जमा चुका है कि इसे सामान्य घटना माना जा रहा है।
आम जनता में रोष, भरोसे पर फिरा पानी
इस प्रकार की घटनाएँ आम जनता के विश्वास को चोट पहुँचाती हैं। गरीब किसान, जो अपनी जमीन बंधक रखकर काम कराने को विवश है, उससे रिश्वत लेना एक अमानवीय कृत्य है। यह सिर्फ एक कर्मचारी या अधिकारी की नहीं, बल्कि पूरे शासनतंत्र की असफलता का प्रतीक है। बिहार सरकार को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, वरना जनता का शासन व्यवस्था से उठता भरोसा लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी बन सकता है।