वाल्मीकि नगर से नंदलाल पटेल की रिपोर्ट
कांवरियो के आगमन से वातावरण शिवमय हो गया है। श्रद्धालु भोले बाबा के रंग में रंगे नजर आ रहें हैं।मौका है श्रावण के चौथी सोमवारी के लिए जलबोझी का। शिव भक्त पवित्र सोनहा नदी में स्नान कर जल भर रहें हैं।सोमवार को भगवान शिव को जलाभिषेक के साथ वैदिक विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर सुख, समृद्धि व शांति की कामना करेगें। जैसे-जैसे दिन चढ़ रहा था शिव भक्तों का जमघट बढ़ता जा रहा है।

जटाशंकर मंदिर व कालेश्वर धाम में श्रद्धालुओं के आने-जाने का सिलसिला दोपहर बाद तक जारी रहा। बाबा के दर्शन और पूजा के लिए शनिवार को देर रात से ही भक्तों का मंदिर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। पूरे मंदिर प्रांगण हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा।चारों तरफ भोले के जयकारे लग रहे हैं। जोशो-खरोश के साथ शिवभक्त जल लेकर अपने गंतव्यों की ओर बढ़ रहे हैं। लगभग 50 हजार कांवरियों ने गंडक नदी से जल भरा है।

वाल्मीकिनगर श्रावणी मेले में हर साल शिवभक्तों की संख्या बढ़ रही है। श्रावण मास में भगवान भोले शंकर की आस्था शिवभक्तों को मीलों दूर पैदल जल लेकर जाने के लिए जोश भरती है।मंदिरों में हर हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे। वहीं, सड़कों से निकल रहे कांवरियो के हुजूम से माहौल शिवमय हो गया है। डीजे की धुन पर बजते शिव गीतों ने श्रद्धालुओं का उत्साह दोगुना कर दिया। श्रद्धालुओं ने देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना करने के साथ ही जलाभिषेक किया। मान्यता है कि सावन माह में भगवान शिव की आराधना करने से अक्षुण्य फल मिलता है। भोलेनाथ अपने भक्तों को मनोवांछित फल भी देते हैं।