सावन के पहले सोमवारी पर जलाभिषेक करने के लिए मंदिरों में भक्तों की उमड़ी भीड

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गोपालगंज बिहार से सुदीश श्रीवास्तव की रिपोर्ट


मांझागढ़/ गोपालगंज । सनातन धर्म के अनुसार सावन के प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा से शिव भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। जिसको लेकर सावन के पहले सोमवार को शिव मंदिरों में ,शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए सुबह से ही भक्तों की भीड़ मंदिरों में ,उमड़ी हुई थी ।बताते चले कि मांझा प्रखण्ड अंतर्गत दानापुर प्राकृतिक शिवलिंग और मांझागढ़ राज दरबार के शिव मंदिर में भक्तों की भीड़ शिव लिंग पर जलाभिषेक करने के लिए उमड़ी हुई थी । आज से सैकड़ो वर्ष पूर्व दाना पुर प्राकृतिक शिव लिंग की उतपति हुई थी ।

शिव भक्तों के अनुसार आज से सैकड़ो वर्ष पूर्व दाना पुर गांव के एक दलित मांझागढ़ राज दरबार की भूमि में चूहे की बिल का कुदाल से खुदाई कर गेंहू की बाल चूहे की बिल से निकाल रहा था । इसी बीच चूहे की बिल का कुदाल से खुदाई करते समय थक थक की आवाज करना तथा कुदाल में खून की धब्बा देख दलित घबरा गया और डर के मारे गांव की तरफ चिल्लाते हुए भागने लगा दलित को भागते देख गांव के लोग दलित से पूछने लगे कि क्यो भाग रहे हो तब दलित ने आपबीती गांव के लोगो को बताया तब ग्रामीण और दलित घटना स्थल पर पहुच कर मिट्टी को हटाकर देखे तो पत्थर के शिवलिंग कुदाल से कट गया था । तथा कटे स्थान से खून निकल रहा था ।

जिसे देख ग्रामीण आश्चर्यचकित रह गए तथा तुरन्त राजदरबार में घटना की सूचना दी गयी सूचना मिलते ही राजा घटना स्थल पर पहुचे तथा शिवलिंग से निकलते खून को देख शिव लिंग को निकलवाने का प्रयास किया जाने लगा परन्तु शिव लिंग नही निकल पाने पर हाथी के पैर में सीकड़ बांध कर शिव लिंग निकालने के प्रयास सात दिन तक राज दरबार के द्वारा किया गया । परन्तु शिव लिंग नही निकल पाने पर राजा चिंतित रहने लगे इसी बीच स्वप्न में ,भगवान शिव ने राजा को दर्शन देकर कहा कि मेरा शिव लिंग दुबारा निकालने का प्रयास मत करना अगर दुबारा प्रयास किया तो तेरा राज दरबार नष्ट हो जाएगा तब राजा ने शिव लिंग के चारो तरफ से एक कमरा तैयार कर पूजा अर्चना कर राज दरबार मे एक शिव मंदिर का निर्माण कर दोनो जगह भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाने लगा।

  शिव रात्री के अवसर पर मेला का आयोजन किया जाने लगा उसी समय से लोग दाना प्राकृतिक शिवलिंग और मांझागढ़ राज दरबार के शिव मंदिर में शिव भक्तों के द्वारा पूजा अर्चना किया जाने लगा तथा जलाभिषेक करने लगे जो भक्त इन शिव मंदिरों में भगवान शिव की पूजा अर्चना सचे मन से पूजा अर्चना कर जलाभिषेक करते है । उन भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है ।जिसके वजह से लोग दूर दूर से आकर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर जलाभिषेक करने हेतु भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई रहती है ।

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