पुण्यतिथि पर सर्वपल्ली डॉo राधाकृष्णन को दी गई श्रद्धांजलि
शिक्षा समाज को बदलने और उसमें अच्छाई लाने की कुंजी है।
शिक्षित लोग ही समाज और देश के भविष्य को आकार दे सकते हैं।
विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण,बिहार

गुरुवार 17 सितंबर को देश के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दी गई।शिक्षक सुनिल कुमार ने श्रद्धांजलि देते हुए विद्यार्थियों को उनके जीवन चरित्र के बारे बताया। शिक्षक ने बताया कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय दार्शनिक और राजनेता थे। उनका मानना था कि शिक्षा समाज को बदलने और उसमें अच्छाई लाने की कुंजी है। तथा शिक्षित लोग ही समाज और देश के भविष्य को आकार दे सकते हैं।वे स्वतंत्र भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किए थे। डॉ. कृष्णन ने मैसूर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय जैसे कई विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया। उन्हें उनके दार्शनिक और बौद्धिक प्रयासों के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पूर्वी धर्म और नैतिकता के स्पैलिंग प्रोफेसरशिप से सम्मानित किया गया था। शिक्षक सुनिल ने अंत में कहा कि हमें अपने महापुरुषों के जीवन से सीख लेनी चाहिए।