वाल्मीकि नगर रेंज में एसएसबी और वन विभाग के जवानों ने की संयुक्त गश्त

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वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए कड़े पहरे

वाल्मीकि नगर से नंदलाल पटेल की रिपोर्ट

वाल्मीकि नगर रेंज में वन विभाग एवं
एसएसबी के जवानों ने संयुक्त गश्त किया। यह गश्त वन्यजीवों की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए किया गया। रेंजर अमित कुमार के नेतृत्व में यह अभियान चलाया गया। इस दौरान एसएसबी के एसआई विनोद सिंह के साथ एसएसबी के जवान भी मौजूद रहे।
इस बाबत रेंजर अमित कुमार ने बताया कि
यह पहल सीमावर्ती क्षेत्रों में वन्यजीवों की सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगी। नियमित गश्त से वन क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर भी रोक लगेगी। गुरुवार को जटाशंकर चेकनाक से कोलेश्वर मंदिर तक पेट्रोलिंग की गई। संयुक्त गश्त का मुख्य उद्देश्य भारत नेपाल सीमा पर तस्करी, अवैध गतिविधियों और वन्यजीवों की सुरक्षा को मजबूती प्रदान करना है। यह गश्त सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में मदद के साथ साथ सहयोग और समन्वय को भी बढ़ावा देती है। सबसे ज्यादा नेपाल सीमा और उत्तरप्रदेश सीमा से लगे वन क्षेत्रों में वन्यजीवों के शिकार की संभावना बनी रहती है। इसके मद्देनजर इन्डो नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी के जवानों के साथ गश्त बढ़ाई गई है। भारत नेपाल का सीमा खुला हुआ है। सीमा खुला होने के कारण तस्कर गंडक नदी के रास्ते तस्करी फैलाने में सफल न हो, इसके लिए गंडक नदी से सटे वन क्षेत्र में लगातार सुरक्षा कर्मियों के साथ वन विभाग की टीम पेट्रोलिंग करती रहती है। सीमावर्ती क्षेत्रों में वन्यजीवों को सुरक्षा भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। संयुक्त गश्त वन्यजीवों के शिकार और अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करती है। इससे सीमा सुरक्षा के साथ-साथ वन एवं वन्य जीव सुरक्षा में भी सहयोग मिलता है। नियमित गश्त के बाबत एसएसबी 21 वीं वाहिनी के एएसआई विनोद सिंह ने बताया कि वह गश्त नियमित रूप से की जाती है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था हमेशा चौकस रहे।

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