वाल्मीकि नगर से नंदलाल पटेल की रिपोर्ट
एक बार फिर जंगली हाथियो ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का रूख किया है।इस दल में करीब आधा दर्जन हाथी बताए जा रहे हैं। हाथियों का दल देखने के बाद वीटीआर प्रशासन अलर्ट मोड में है। वहीं वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को अलर्ट किया गया है। हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। इस बाबत वाल्मीकिनगर रेंजर अमित कुमार ने बताया कि वीटीआर में जंगली हाथियों की आमद को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
जंगली हाथी हर साल नदी नालो को पार करके वीटीआर जंगलों में आ जाते हैं। कुछ दिन यहां रुकने के बाद नेपाल लौट जाते है। दरअसल वीटीआर की विविधता व ग्रासलैंड जंगली हाथियों को आकर्षित करता है। यहां के जंगल में वे सुरक्षित भी महसूस करते हैं। यही कारण है कि नेपाल के जंगली हाथी हर साल दुरुह सफर तय करके वीटीआर आते हैं।
जंगली हाथियों को पसंद आई वीटीआर की आबोहवा जंगली हाथियो को वीटीआर की खूबसूरत वादियां और आबोहवा इस कदर रास आई कि वे यहां बार बार आने लगे हैं। नेपाल से भटककर वीटीआर के भीतर घुसे आधा दर्जन हाथियों को वापस खदेड़ने वन विभाग को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है । जानकारों की मानें तो हाथी अभी तक जिस रूट से आते हैं उसी रूट से लौटते हैं।चितवन नेशनल पार्क (नेपाल) की सीमा वीटीआर से सटा होने के कारण यहां बाघ व गैंडा भी भटक कर पहुंचते रहते हैं। अक्सर जंगल से सटे गांवों में जंगली जानवर घुस आते हैं। इससे ना सिर्फ वहां रह रहे लोगों को बल्कि जानवरों को भी परेशानी होती है। यह पहला मामला नहीं है जब वीटीआर में जंगली हाथी घुस आए हो। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है कि जंगली हाथी इस क्षेत्र में आकर उत्पात मचा चुके हैं और अक्सर गांव वाले साथ मिलकर या वन विभाग की मदद से जंगली जानवरों को वापस नेपाल के जंगल की ओर खदेड़ा जाता है।