वाल्मीकी नगर से अभिमन्यु गुप्ता की रिपोर्ट

वीटीआर वन प्रमंडल दो के वाल्मीकि नगर व गनौली वन क्षेत्र में मौसम के बदलाव के साथ ही भीषण गर्मी ने अपनी तपीश से इंसान तो क्या वन्य जीव का भी जीना मुहाल कर दिया था।
पेड़ों से गिरे वन क्षेत्र में सूखे पत्तों के कारण आग लगने की घटनाएं घटित हो रही थी। जिससे छोटे-छोटे पौधों ,झाड़ियां और कीड़े मकोड़ों का नुकसान हो रहा था ।इसके अलावा वन क्षेत्र के अंदर रहने वाले भारी संख्या में शाकाहारी जीव जंतुओं पर आहार संकट उत्पन्न होने लगा था।
किंतु विगत सप्ताह से हो रही रुक-रुक कर बारिश के कारण वन क्षेत्र में पर्यावरण विल्कुल स्वच्छ और शांत हो गया है।
पेड़ों पर बारिश के साथ ही नए पत्तों का आगमन शुरू हो गया है जिससे उदास दिखने वाला वन क्षेत्र हरियाली युक्त और आंखों को सुकून देने वाला प्रतीत होने लगा है।
दूसरी तरफ बारिश से पेड़ से गीरे पत्तों के भींग जाने के कारण आग लगने की संभावनाएं समाप्त हो गई है। इस बाबत जानकारी देते हुए वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र पदाधिकारी श्रीनिवासन नवीन ने बताया कि बारिश के कारण वन क्षेत्र में आग लगने की संभावना समाप्त हो गई है ।पेड़ों पर हरियाली छाने लगी है। झाड़ियां और छोटे पौधों में नए पत्ते आने से शाकाहारी जीवों को भोजन की उपलब्धता होगी। वन कर्मियों को अलग-अलग शिफ्ट में बांटकर अलर्ट मोड में रखा गया है। गर्मी के मौसम को देखते हुए फायर वाचरों को पूरी तरह अलर्ट रहने की ताकिद की गई है। वन प्रशासन वन संपदा और वन्य जीव की सुरक्षा संरक्षा और विकास को अपनी पहली प्राथमिकता मानता है।