यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी ने किसानों की तोड़ रही कमर

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दिया है किसान यूरिया की किल्लत से दर-दर भटक रहे हैं जिले में यूरिया की कमी के कारण धान की फसल पर पूरा प्रभाव पड़ रहा है क्योंकि धान की रोपाई के कुछ दिन बाद ही यूरिया की जरूरत पड़ती है लेकिन सरकारी और निजी खाद की दुकानों पर यूरिया की कमी बाता कर किसानों को लौटाया जा रहा है शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों पर यूरिया और कहीं भी नहीं मिल रहा है और कहीं कुछ मिल भी रहा है तो महंगे दामों में किसान यूरिया खरीदने पर मजबूर है यूरिया की जिले में कमी को देख किसान भारत और नेपाल सीमा पास इनर्वा से यूरिया खरीदने को मजबूर किसान मजबूर हो गए हैं कही कही से पता लगाए 30 किलोमीटर दूरी तय किसान यूरिया खरीदने को मजबूर है जिले में यूरिया के किल्लत से किसान काफी परेशान दिख रहे हैं जब यूरिया की कमी और कालाबाजारी के बारे में ग्रामीण क्षेत्र के दुकानदारों से इसकी जानकारी ली गई तो दुकानदारों का कहना है कि जिले के बड़े-बड़े होलसेलर माफिया दुकानदारों की भ्रष्टाचार के कारण यूरिया छोटे- छोटे लाइसेंसी दुकानों पर यूरिया नहीं मिलने का कारण है की खुदरा लाइसेंसी दुकानों पर सरकारी दर 251 रुपया के दर पर गाड़ी भाड़ा सहित होलसेलर दुकानदार को उपलब्ध कराना है और खुदरा लाइसेंसी दुकानदार को सरकारी दर 266.50 रुपया के हिसाब से यूरिया बिक्री करना है ऐसा आदेश बिक्री करने का निर्गत है जबकि बड़े-बड़े होलसेलर माफिया व्यवसायीयों द्वारा छोटे-छोटे लाइसेंसी खाद दुकानदारों को₹300 में देते हैं जिसे छोटे-छोटे लाइसेंसी दुकानदारों को बिक्री करने में काफी परेशानी होती है वही ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे लाइसेंसी दुकानदारों का कहना है कि इस संबंध में सूत्रों से पता चला है कि वर्तमान में आए कृषि पदाधिकारी के बारे में बताया गया कि इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी ने सभी जिले के सभी बड़े होलसेलर के साथ बैठक में उन्होंने कहा है कि सभी बड़े होलसेलर छोटे दुकानदारों के यहां आप सभी होलसेलर सरकारी दर पर ही यूरिया उपलब्ध कराना है जो दर सरकार द्वारा निश्चित है उसी के हिसाब से आपको यूरिया का बिक्री छोटे लाइसेंस धारी दुकानदारों को उपलब्ध कराना है और छोटे लाइसेंसी दुकानदार 270 में किसानों को बिक्री करेंगे और सरकारी कर्मी जाकर वितरण करवाएंगे लेकिन इन बड़े होलसेलर माफिया दुकानदारों ने सरकार द्वारा जारी निर्धारित रेट पर बिक्री करने से इनकार और रैक से यूरिया उठाव नहीं करने जैसी बात सामने आ रही हैं सूत्रों से पता चला है इस बातों से देखा जा रहा है कि इस सरकार में भी बड़े-बड़े होलसेलर माफियाओं की वजह से किसानों की हालत अभी भी सुधरने वाला नहीं है यूरिया समेत अन्य खाद की कालाबाजारी से बेतिया जिला के किसानों की निजात मिलने वाला नहीं है जबकि इस सरकार में जिले के बड़े होलसेलर में खाद माफियाओ में कमला कृषि केंद्र, उमा खाद भंडार, रासायनिक खाद भंडार समेत आदि अन्य ऐसे होलसेलर का इस कालाबाजारी में बढ़ चढ़कर हाथ है लेकिन इन लोगों पर शिकंजा कसने के बजाय सरकार और जिला प्रशासन क्यों चुप और मजबूर है किसान खाद की किल्लत और कीमत से क्यों परेशान है यह भी सोचनीय विषय बना है क्योंकि किसान ही वह अन्नदाता हैं जिनसे दुनिया चलती है उनका फसल नहीं होगा तो क्या होगा।

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