यात्रियों की नेपाल में सार्वजनिक यातायात बंद होने से बढ़ी परेशानी।

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वाल्मीकिनगर से अभिमन्यु गुप्ता की रिपोर्ट

सीमावर्ती देश नेपाल के गंडकी प्रदेश सरकार के द्वारा निजी सवारी को भाड़ा के गाड़ी के रूप में चलाने के लिए बनाया गया राइड शेयरिंग सेवा संचालन तथा व्यवस्थापन कार्य विधि 2082 कानून के विरोध में सोमवार की सुबह से नेपाल के सार्वजनिक यातायात केंद्रीय महासंघ नेपाल, नेपाल यातायार व्यवसाई राष्ट्रीय महासंघ, ढूंवानी व्यवसाई महासंघ नेपाल, नेपाल यातायात स्वतंत्र मजदूर संगठन, नेपाल यातायात मजदूर संघ सहित कुल आठ संगठन के द्वारा पूरे नेपाल में अनिश्चित काल के लिए सार्वजनिक यातायात बंद कर सड़क पर आंदोलन शुरू किया गया है। जिसके कारण सड़क पर एम्बुलेंस, दूध की गाड़ी सहित अतिआवश्यक वाहन को छोड़कर सार्वजनिक यातायात के बस,ट्रक, मिनी बस,माइक्रो बस,जीप,टेंपो सहित अन्य सभी वाहन बंद कर दिया गया है। हालांकि निजी वाहन सड़क पर चल रहे है। इधर सड़क पर सार्वजनिक यातायात के बंद किए जाने से अस्पताल जानेवाले मरीज, उनके परिजन,कार्यालय जाने वाले कर्मचारी,भारतीय पर्यटक सहित सर्व साधारण नागरिक को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसी किसी जगह तो गाड़ी में चढ़े यात्रियों को जबरन गाड़ी से उतरकर गाड़ी को गैरेज में लगा दिया गया है। जिसके कारण यात्री अपने गंतव्य स्थल पर नही पहुंचने के कारण सड़क पर ही फंसे हुए है। इस बारे में सार्वजनिक यातायात केंद्रीय महासंघ नेपाल के अध्यक्ष डॉक्टर डोलनाथ खनाल का कहना है की गंडकी प्रदेश सरकार के द्वारा निजी वाहन को भाड़ा के वाहन के रूप में परिचालन कराने के उद्देश्य से लाया गया राइड शेयरिंग कानून असंवैधानिक है। हमारे संगठन के द्वारा इसका विरोध जताते हुए नेपाल सरकार को पत्र भी लिखा गया है। लेकिन इस पर नेपाल सरकार के द्वारा अभी तक कोई बातचीत नही किए जाने से हमलोग मजबूर हो कर अपनी गाड़ी को गैरेज में लगाकर सड़क पर आंदोलन करने के लिए मजबूर हुए है। सड़क पर सार्वजनिक यातायात बंद होने से यातायात व्यवसायियों से वार्ता करने के लिए नेपाल के गृहमंत्री रमेश लेखक के द्वारा विभिन्न मंत्रालय के आठ तथा यातायात व्यवसाई तथा मजदूर संगठन से चार कुल 12 सदस्यीय समिति का गठन कर वार्ता के लिए बुलाया गया है।

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